''जावडेकर का मानव संसाधन विकास मंत्री बनना अशुभ और भयावह''

Wednesday, Jul 06, 2016 - 10:07 PM (IST)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने आज दावा किया कि मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर के तहत सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली में सबकुछ निजी क्षेत्र को सौंपने के ‘‘व्यवस्थित प्रयास’’ को गति मिलेगी। इसके साथ ही पार्टी ने प्रगतिशील और राष्ट्रवादी ताकतों से इस प्रवृति का मुकाबला करने के लिए आगे आने की अपील की।   पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय में अपने कार्यकाल के दौरान निजी संस्थानों के प्रति ‘‘उदार’’ होने के जावडेकर के अतीत को देखते हुए आशंका पैदा हुई।  
 
उन्होंने कहा कि मंत्री ने पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने के आरोपी एक प्रभावशाली उद्योगपति पर 200 करोड़ रूपए का जुर्माना माफ कर दिया था। इस पृष्ठभूमि में जावडेकर का मानव संसाधन विकास मंत्रालय का कार्यभार संभालना ‘‘अशुभ और भयावह’’ है।  उन्होंने स्मृति ईरानी पर निशाना साधा जिनका मानव संसाधन विकास मंत्रालय का कार्यकाल कई विवादांे से घिरा रहा। उन्होंने कहा कि कपड़ा मंत्रालय में क्या होगा जहां कल के कैबिनेट विस्तार में उन्हें नियुक्त किया गया है।  तिवारी ने सरकार पर भारत की सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली को ‘प्रभावहीन’ बनाने के लिए ‘व्यवस्थित’ प्रयास करने का और ‘‘हर चीज निजी क्षेत्र को सौंपने’’ का आरोप लगाया उन्होंने कहा कि एेसे प्रयास गरीबों के लिए ज्यादा नुकसानदेह होंगे।  
 
तिवारी ने राज्य में शिक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए आरएसएस द्वारा हाल ही में छत्तीसगढ़ में कुलपतियों की बैठक बुलाने पर आपत्ति जतायी। उन्होंने इस मामले में आरएसएस की अधिस्थिति पर सवाल किए और कहा, ‘‘यह शिक्षा का भगवाकरण नहीं है। यह उससे ज्यादा भयावह है। यह शिक्षा का फासीवादीकरण है।’’  उन्होंने दावा किया कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सरकारी विश्वविद्यालयों से अपने पाठ्यक्रम बनाने का अधिकार ‘‘ले लिया’’ है। उन्होंने कहा कि देश भर में शिक्षकों और प्राध्यापकों के विरोध प्रदर्शनों का सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।  उन्होंने दावा किया कि संप्रग सरकार ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के बजट को 11,000 करोड़ रूपए से बढ़ाकर 82,000 करोड़ रूपए कर दिया था। लेकिन इस सरकार ने इसमें खासी कमी कर दी।  
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