आतंकवाद पर कांग्रेस ने केंद्र की विदेश नीति पर उठाए सवाल, सरकरा बोली- न करें राजनीति

Tuesday, Jan 02, 2018 - 06:26 PM (IST)

नई दिल्लीः लोकसभा में कांग्रेस ने कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले का मुद्दा उठाया। पार्टी ने इस बारे में प्रधानमंत्री पर मौन साधने का आरोप लगाते हुए सरकार से पाकिस्तान सहित विदेश नीति पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।

इस पर संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है और इस पर कांग्रेस को राजनीति नहीं करनी चाहिए। गृह राज्य मंत्री हंसराज अहीर ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में घटी घटना चुनौती है और सरकार ने इसे चुनौती के तौर पर स्वीकार किया है। सरकार ने राज्य में पुलिस बलों के आधुनिकीकरण, नए उपकरण लगाने, सीसीटीवी कैमरा लगाने की पहल की है।

मोदी सरकार में सबसे ज्यादा आतंकी मार गिराए गए
उन्होंने स्पष्ट किया कि 2010 से 2013 की तुलना में 2014 में केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार आने के बाद स्थिति में सुधार आई है। इस अवधि में नागरिकों की कम जानें गई हैं जबकि आतंकवादी अधिक संख्या में मारे गए हैं। 2010 से 2013 के दौरान 108 नागरिक मारे गए जबकि 2014 से 2017 के दौरान 100 नागरिकों की जान गई। इसी प्रकार से 2010 से 2013 के दौरान 471 आतंकी मारे गए और 2014 से 2017 के दौरान 580 आतंकी मारे गए। यह सरकार की उपलब्धि है।

जवान देश की सुरक्षा के लिए तत्पर लेकिन सरकार नहीं
कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शून्यकाल में इस विषय को उठाते हुए कहा कि 2017 के अंतिम दिन जब पूरा देश जश्न मना रहा था तब पुलवामा में सीआरपीएफ के शिविर पर पाक प्रायोजित आतंकवादियों ने हमला किया। इसमें हमारे 5 जवान शहीद हुए और तीन आतंकियों को मार गिराया गया। उन्होंने कहा कि हमारी सेना और जवान देश की सुरक्षा के लिए तत्पर हैं लेकिन चिंता इस बात की है कि सरकार उनकी सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है। पहले भी पंपोर, पठानकोट समेत कई क्षेत्रों में आतंकी हमले हुए। इस बारे में समितियां भी बनीं लेकिन इन पर कोई अमल नहीं हो रहा है।

'एक सिर के बदले 10 सिर काटने वाले चुप क्यों हैं'
सिंधिया ने कहा कि पुलवामा हमले को लेकर खुफिया जानकारी पहले से थी। आतंकवादी कैंप में जहां से घुसे वहां पर फ्लडलाइट नहीं थीं, जो लोग कहते थे कि एक सिर के बदले 10 सिर लाएंगे, वो आज चुप क्यों हैं। देश के प्रधानमंत्री कोई बात नहीं कह रहे हैं। एक वर्ष में 82 सैनिकों ने अपना बलिदान दिया है। पाकिस्तान के प्रति सरकार की नीति क्या है। सरकार के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) बैंकॉक में पाकिस्तान के एनएसए से मिल रहे हैं और वह भी तब जाधव के परिवार की उनसे मिलने की घटना का मुद्दा सामने आता है।
 

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