...जब सोनिया ने ठुकरा दिया PM पद का ऑफर

Saturday, Dec 16, 2017 - 04:33 PM (IST)

नई दिल्लीः कड़ी राजनीतिक चुनौतियों के बीच राहुल गांधी ने आज देश की सबसे पुरानी और देश पर सबसे अधिक समय तक शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी की कमान संभाल ली जिसके चार अध्यक्षों को प्रधानमंत्री पद संभालने और राष्ट्र का नेतृत्व करने का मौका मिला।  प्रधानमंत्री पद संभालने वाले कांग्रेस अध्यक्षों में जवाहर लाल नेहरु, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और पी वी नरसिंहाराव शामिल हैं। 

गांधी परिवार के अब तक तीन पीएम 
लगभग दो दशक तक पार्टी की कमान संभालने वाली सोनिया गांधी के पास दो बार प्रधानमंत्री पद संभालने का अवसर था लेकिन दोनों बार उन्होंने इसे ठुकरा दिया। राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनने वाले नेहरु-गांधी परिवार के छठे सदस्य हैं। इस परिवार के तीन सदस्य अब तक प्रधानमंत्री रह चुके हैं।  वर्ष 1947 में देश आजाद होने पर पंडित जवाहर लाल नेहरु पहले प्रधानमंत्री बने। वह 1929 में पहली बार कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे और लगातार दो वर्ष तक इस पद पर रहे। वह फिर 1936 में अध्यक्ष बने और 1937 तक इस पद पर रहे। प्रधानमंत्री बनने के बाद 1951 से लेकर 1954 तक वह फिर पार्टी अध्यक्ष रहे और देश तथा पार्टी दोनों का नेतृत्व किया।  

इंदिरा गांधी के पीएम बनने के बाद दो बार बंटी पार्टी
जवाहर लाल नेहरु की पुत्री इंदिरा गांधी 1959 में पहली बार कुछ समय के लिए कांग्रेस की अध्यक्ष बनी। वह लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद प्रधानमंत्री बनी। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद कांग्रेस में भारी उथल पुथल का दौर रहा और पार्टी को दो बार विभाजन का सामना करना पड़ा। उन्होंने 1978 में पार्टी अध्यक्ष पद फिर से संभाला और 1984 तक इस पद पर रहीं।  इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बने और उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष पद भी संभाला। वह 1991 तक इस पद पर रहे। उनकी भी हत्या हुई और तब पार्टी ने सोनिया गांधी से यह पद संभालने का आग्रह किया था जिसे उन्होंने स्वीकार नहीं किया। बाद में पी वी नरसिंहराव ने प्रधानमंत्री और कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाला। वह 1996 तक कांग्रेस अध्यक्ष रहे।  

सोनिया गांधी ने ठुकरा दिया था ऑफर
राजीव गांधी की मृत्यु के बाद पार्टी के तमाम दवाबों के बावजूद राजनीति से दूर रह रहीं सोनिया गांधी 1997 में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्य बनीं और 1998 में उन्होंने अध्यक्ष पद संभाला। उन्होंने लगातार 19 वर्ष तक यह पद संभाल कर रिकार्ड कायम किया है। उनके प्रयासों से बने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन को 2004 के आम चुनाव में जीत के साथ सरकार बनाने का मौका मिला। उस समय कांग्रेस तथा गठबंधन के नेताओं की प्रधानमंत्री पद संभालने की पेशकश सोनिया गांधी ने ठुकरा दी तथा डा़ मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री बने। वह दस वर्ष तक इस पद पर रहे लेकिन इस दौरान पार्टी की कमान सोनिया गांधी के हाथों ही रही। पिछले चार दशक में डा़ सिंह कांग्रेस के इकलौते ऐसे प्रधानमंत्री रहे जिनके पास पार्टी की कमान नहीं रही।
 

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