राहुल गांधी के ''गोत्र'' पर फिर मचा सियासी गदर!

Wednesday, Nov 28, 2018 - 10:51 AM (IST)

जयपुर: कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी की अजमेर शरीफ से आरंभ हुई राजस्थान की चुनावी यात्रा पुष्कर पहुंचते-पहुंचते विवादों में घिर गई। मुस्लिम और हिंदू दोनों ही वर्गों को साधने के लिए की गई यह कोशिश राहुल के दत्तात्रेय गोत्र बताने पर केन्द्रित होकर रह गई। तीर्थ पुरोहित दीनानाथ की मानें तो राहुल कश्मीरी पंडित हैं और उनका गोत्र बकौल दत्तात्रेेय है। जब पुरोहित दीनानाथ से राहुल का गोत्र दादा फिरोज गांधी से न जोड़ नाना जवाहरलाल नेहरू से जोडऩे की बाबत सवाल किया गया तो वे चुप्पी साध गए। इधर, राहुल के गोत्र को लेकर एक बार फिर सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जाने लगा। 



वहीं लगे हाथ विपक्षी भाजपा नेता भी उन्हें घेरने के लिए मैदान में उतर गए। जह राहुल गांधी तीर्थराज पुष्कर गए, जहां उनके पुरोहित पंडित दीनानाथ ने ब्रह्म सरोवर की पूजा से पूर्व जब उनका गोत्र पूछा तो तपाक से उन्होंने खुद को कौल ब्राह्मण बताते हुए गोत्र दत्तात्रेय बताया। बता दें कि तीर्थ पुरोहित एक बही रखते हैं, जिसमें यजमान की कई पीढिय़ों का लेखा-जोखा रहता है। सरोवर की पूजा अर्चना के लिए जब भी कोई यजमान अपने परिवार सहित आता है, तो उस बही में उन सभी का नाम, आपस में रिश्ता तथा पूरा पता दर्ज किया जाता है। राहुल अपने पिता, दादा व अन्य पूर्वजों के हस्ताक्षर देखकर कुछ क्षणों के लिए भावुक हो गए थे। बाद में उन्होंने अपने हस्ताक्षर कर संदेश में कुछ लिखने के लिए साथ मौजूद अशोक गहलोत व सचिन पायलट को इशारा किया।

पुष्कर के खाता-बही में इटली का ननिहाल भी
पुष्कर के तीर्थ पुरोहित की बही में राहुल के पूर्वजों के साथ ही इटली निवासी उनके नाना-नानी द्वारा भी पुष्कर सरोवर की पूजा अर्चना की बात सामने आई है। पंडित दीनानाथ के अनुसार देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के पिता के समय से उनका परिवार पुष्कर की धार्मिक यात्रा पर आता रहा है।  पुष्कर में राहुल के इटली निवासी ननिहाल वालों की भी खासी श्रद्धा रही है।

बीजेपी ने उठाया था मुद्दा
सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने जब अपना गोत्र बताया तो एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी  ने इस मुददे को लपक लिया। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि मरहूम फिरोज खान साहब का पौत्र आखिर ब्राह्मण कैसे हो सकता है? और आज ही उनको गोत्र कैसे याद आ गया? उन्होंने कहा कि चुनाव नजदीक आते ही राहुल को मंदिर याद आते हैं। इससे पहले उनका ध्यान तक मंदिर की ओर नहीं जाता।

Anil dev

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