ऑफ द रिकॉर्डः सिद्धू को वापस लाने की तैयारी में कांग्रेस, ‘सौंपा जा सकता है प्रचार प्रमुख का पद’

Tuesday, Mar 02, 2021 - 04:35 AM (IST)

नई दिल्लीः गांधी परिवार ने कांग्रेस महासचिव एवं पंजाब के प्रभारी हरीश रावत को एक बड़ा काम सौंपा है-मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह व नवजोत सिंह सिद्धू में मनमुटाव दूर करके सुलह करवाना। रावत ने इस जिम्मेदारी की गंभीरता को देखते हुए अमरेन्द्र सिंह व नवजोत सिद्धू के साथ बैठकें की हैं जो काफी आशा तो जगाती हैं और दोनों पक्षों की ओर से एक-दूसरे के प्रति सद्भावना भी दिखाई गई है लेकिन आगे बढ़ने के कोई संकेत नहीं मिले हैं। 

कुछ महीने पहले कैप्टन ने अपने पारिवारिक कार्यक्रम में लंच पर सिद्धू की मेजबानी की थी। इस समय न तो कांग्रेस हाईकमान कैप्टन को किसी परेशानी में डालना चाहता है और न ही कैप्टन हाईकमान को असहज करना चाहते हैं लेकिन वह सिद्धू को फिर से सक्रिय राजनीति में लाने से पहले अपना हिसाब बराबर कर लेना चाहते हैं। हाल ही में स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस की बड़ी जीत ने सिद्धू का काम थोड़ा और कठिन बना दिया है।

चुनाव नतीजों से जोश में आए प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ ने यह घोषणा कर दी कि 2022 का विधानसभा चुनाव कैप्टन के नेतृत्व में लड़ा जाएगा लेकिन बाद में उन्हें यह कहते हुए पीछे हटना पड़ा कि इस मुद्दे पर फैसला कांग्रेस हाईकमान व विधायक लेंगे। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में बदलाव की हवा को देखते हुए लगता है सुनील जाखड़ कैप्टन की कुछ मक्खनबाजी करना चाहते थे।

जो भी हो, परंतु एक बात साफ है कि सिद्धू को शायद ही जाखड़ की जगह प्रदेश कांग्रेस प्रधान बनाया जाए क्योंकि यह राजनीतिक रूप से समझदारी भरा फैसला नहीं माना जाएगा परंतु सिद्धू को खुश तो करना ही है। हरीश रावत ने सिद्धू की भीड़ खींचने की कला की भरपूर प्रशंसा की है और संकेत दिया है कि उन्हें राज्य इकाई में ही कोई भूमिका सौंपी जाएगी। इससे स्पष्ट है कि सिद्धू अब कैबिनेट का हिस्सा नहीं होंगे। 

कैप्टन व सिद्धू के संबंध की बर्फ पिघलने के बाद दोनों में कुछ बातचीत हुई है जिससे किसी खुशखबरी की उम्मीद की जा सकती है। रिपोर्ट है कि सिद्धू को पार्टी के किसी अहम पद पर बिठाया जा सकता है। यह राज्य प्रचार समिति के प्रमुख का पद हो सकता है। वैसे सिद्धू बिना विभाग का मंत्री भी बनना चाहते हैं। 

Pardeep

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