माल्या मामले में जेतली को बर्खास्त किया जाए: सुरजेवाला

Tuesday, Sep 18, 2018 - 05:25 PM (IST)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने भगोड़े विजय माल्या के मामले में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘चुप्पी’ पर सवाल किया और कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेतली को बर्खास्त किया जाए तथा मामले की व्यापक एवं उच्चस्तरीय जांच शुरू की जाए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री कार्यालय, जेतली, वित्त मंत्रालय के अधिकारियों, सीबीआई के कुछ शीर्ष अधिकारियों और संबंधित बैंकों के शीर्ष प्रबंधन की भूमिका की जांच होनी चाहिए। 

भाजपा बन गई है भगोड़े के लिए ‘फोन ए फ्रेंड हेल्पलाइन’
सुरजेवाला ने संवाददाताओं से कहा, "ऐसा लगता है कि भाजपा भगोड़े के लिए ‘फोन ए फ्रेंड हेल्पलाइन’ बन गई है। माल्या मामले में कुछ यही हुआ था। इसमें सरकार के उच्चतम स्तर पर मिलीभगत, साझेदारी और सहयोग था।" उन्होंने कहा, "माल्या के खिलाफ 29 जुलाई, 2015 को वित्तीय अनियमितता के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई। 16 अक्टूबर, 2015 को हिरासत में लेने वाला लुकआउट नोटिस जारी हुआ। इसके बाद सीबीआई के संयुक्त निदेशक एके शर्मा और एसपी हर्षिता लुत्तालोरी आव्रजन प्रशासन को लिखकर यह कहते हैं कि वे माल्या के खिलाफ इस लुकआउट नोटिस वापस लेते हैं।" उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री कार्यालय या कार्यालय में कौन व्यक्ति कह रहा था कि माल्या को भागने दिया जाए। सीबीआई की तरफ से जो स्पष्टीकरण दिया गया है, वह हास्यास्पद है।" 

सीबीआई ने बार-बार क्यों बदला अपना बयान
उन्होंने सवाल किया, "सीबीआई ने लुकआउट नोटिस के संदर्भ अपना बयान बार-बार क्यों बदला? बैंकों को किसने कहा कि माल्या के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाए? कौन है वित्त मंत्रालय में है जो देश के पैसों की रक्षा की बजाय भगोड़े की रक्षा में खड़ा था?" सुरजेवाला ने कहा, "1 मार्च,2016 को जेतली से माल्या संसद में मिलता है और उनसे कहता है कि वह विदेश भाग रहा है। जेतली जी चुप्पी साध लेते हैं। उसे क्यों भागने दिया?" कांग्रेस नेता ने कहा, "प्रधानमंत्री चुप क्यों हैं ? वह वक्तव्य दें और वित्त मंत्री को बर्खास्त करें। वित्त मंत्री को कोई कानूनी और नैतिक अधिकार नहीं बचा है कि वह पद पर बने रहें।" 

कांग्रेस साध रही है भाजपा पर निशाना
दरअसल, माल्या के हालिया दावे के बाद से कांग्रेस इस मामले में प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेतली पर लगातार निशाना साध रही है। माल्या ने गत बुधवार को कहा कि वह भारत से रवाना होने से पहले वित्त मंत्री से मिला था और बैंकों के साथ मामले का निपटारा करने की पेशकश की थी। उधर, वित्त मंत्री जेतली ने माल्या के बयान को झूठा करार देते हुए कहा कि उन्होंने 2014 के बाद उसे कभी मिलने का समय नहीं दिया था। जेतली ने कहा कि माल्या राज्यसभा सदस्य के तौर पर हासिल विशेषाधिकार का ‘दुरुपयोग’ करते हुए संसद भवन के गलियारे में उनके पास आ गया था। 

Anil dev

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