तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा दिलाने में टीआरएस की भूमिका से पूर्व केंद्रीय मंत्री का इंकार

Thursday, Sep 20, 2018 - 07:22 PM (IST)

हैदराबादः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने गुरुवार को यहां दावा किया कि सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति की क्षेत्र के लिए अलग राज्य का दर्जा हासिल करने में कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘‘टीआरएस की कोई भूमिका नहीं थी। इसके लिए कांग्रेस पार्टी, तेलंगाना से कांग्रेस पार्टी के विधायक, तेलंगाना से संसद के सदस्य, तेलंगाना से पार्टी संगठन पूरी तरह जिम्मेदार है।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस की कार्यकारी समिति ने तेलंगाना के पार्टी पदाधिकारियों की सिफारिशों को आगे बढ़ाया और फिर मनमोहन सिंह सरकार ने अलग तेलंगाना के लिए कानून बनाया।

आजाद ने कहा, ‘‘हमने टीआरएस की सिफारिश पर कानून नहीं बनाया या तेलंगाना राज्य नहीं बनाया।’’ उन्होंने कहा कि तेलंगाना से कांग्रेस सांसदों ने अलग राज्य के समर्थन में संसद के भीतर प्रदर्शन किए जबकि वे सत्तारूढ़ दल के थे। आजाद पूर्ववर्ती संप्रग सरकार में केंद्रीय मंत्री थे और वे लंबे समय तक अविभाजित आंध्र प्रदेश में कांग्रेस के प्रभारी भी रहे। उन्होंने कहा कि अलग राज्य बनाने पर विचार विमर्श के दौरान टीआरएस से चर्चा तक नहीं की थी।

टीआरएस ने मुस्लिमों के साथ किया धोखा
टीआरएस द्वारा अलग राज्य के दर्जे का श्रेय लेने के बारे में आजाद ने कहा कि यह ऐसा है कि किसान बीज बोता है, फसलों को पानी देता है और उन्हें बड़ा करने के लिए उर्वरकों का इस्तेमाल करता है तथा कोई और फसल काटता है। आजाद ने यह भी आरोप लगाया कि टीआरएस ने मुस्लिमों को 12 फीसदी आरक्षण देने के वादे पर लोगों के साथ ‘‘धोखा’’ किया। केंद्र में भाजपा नीत सरकार और तेलंगाना में टीआरएस सरकार को ‘‘करीबी रिश्तेदार’’ बताते हुए कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि दोनों ने रोजगार पैदा करने को लेकर बड़े वादे किए थे लेकिन वे विफल हो गए। उन्होंने बताया कि टीआरएस ने नोटबंदी, राष्ट्रपति तथा उपराष्ट्रपति चुनाव समेत कई मुद्दों पर राजग सरकार का समर्थन किया।

आजाद ने असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व वाली एआईएमआईएम पार्टी को ‘‘सरकारी पार्टी’’ बताया जो हमेशा सरकार के अनुकूल रहती है। कांग्रेस ‘‘परिवारवाद शासन’’ के लिए टीआरएस पर हमले कर रही है जबकि टीआरएस कांग्रेस पर वंशवाद का आरोप लगाती है। इस बारे में आजाद ने कहा कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी को उनके माता-पिता ने नियुक्त नहीं किया था जो कि टीआरएस के मामले में है।

Yaspal

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