कर्नाटक में कांग्रेस के ‘अच्छे दिन’, येद्दियुरप्पा से ज्यादा लोकप्रिय सिद्धरमैया

Wednesday, Mar 28, 2018 - 09:02 AM (IST)

जालंधर: मई महीने में कर्नाटक विधानसभा के लिए हो रहे चुनावों से पहले कांग्रेस को राहत देने वाली खबर आई है। पार्टी के आंतरिक सर्वे में सी.एम. सिद्धरमैया की सत्ता में वापसी हो रही है। सर्वे को सी-फोर ने अंजाम दिया है। सर्वे में सिद्धरमैया सरकार को पिछली बार से भी ज्यादा सीटें मिलने की संभावना है। सर्वे में कांग्रेस को 126 सीटें मिलने की उम्मीद की गई है, जो 2013 से 4 सीटें ज्यादा हैं, वहीं भाजपा को 70 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है जो पिछली बार से करीब 30 सीटें ज्यादा होंगी, वहीं जद (एस) को केवल 27 सीटें मिलने की बात कही जा रही है। सी-फोर ने राज्य की 154 सीटों पर यह सर्वे 1 मार्च से 25 मार्च तक करवाया है। सी-फोर ने 2013 के विधानसभा चुनावों में भी सर्वे करवाया था जिसमें उसने कांग्रेस को 119-120 सीटें मिलने का अनुमान जताया था जबकि उसको 122 सीटें मिली थीं।

राहुल गांधी के कर्नाटक दौरे के बाद बदली तस्वीर
बता दें कि कांग्रेस ने इससे पहले भी सर्वे करवाया था। यह सर्वे पी.एम. मोदी की परिवर्तन यात्रा के बाद और राहुल गांधी के कर्नाटक दौरे से पहले किया गया था। तब कांग्रेस को 105 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया था और कांग्रेस सरकार बनाने के लिए जरूरी 113 सीटों के आंकड़े से 8 सीटें पीछे रह रही थी। अब जब से राहुल गांधी कर्नाटक के दौरे पर हैं तब हवा का रुख कांग्रेस की तरफ है। ऐसा सर्वे के बाद निकल कर आया है।

वोट शेयर में भी आया उछाल
इस सर्वे में कांग्रेस पार्टी के वोट शेयर में भी बड़ा उछाल देखने को मिला है। कांग्रेस के एक नेता ने कहा है कि कर्नाटक में भी बिहार की तरह मामला हो सकता है। वहां नीतीश कुमार की हार के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन हुआ इसके उलट था। सर्वे के मुताबिक 44 प्रतिशत पुरुषों ने कांग्रेस की सरकार बनने की बात कही है, जबकि 33 प्रतिशत पुरुषों ने भाजपा को और सिर्फ  6 प्रतिशत पुरुषों ने जद (एस) को वोट देने की बात कही है। अगर महिलाओं की बात की जाए तो 48 प्रतिशत महिलाएं कांग्रेस के साथ हैं, जबकि 29 प्रतिशत भाजपा और 14 प्रतिशत ने जद (एस) को वोट देने की बात कही है।

लोकसभा चुनाव के लिहाज से अहम हैं विधानसभा इलैक्शन
येद्दियुरप्पा से ज्यादा लोकप्रिय सिद्धरमैया

कांग्रेस के सर्वे में सिद्धरमैया को भाजपा के मुख्यमंत्री उम्मीदवार बी.एस. येद्दियुरप्पा से भी कहीं आगे पाया गया है। दोनों नेताओं के बीच 19 प्रतिशत का अंतर देखने को मिला है। 45 प्रतिशत लोगों ने सिद्धरमैया को सी.एम. के तौर पर पहली पसंद बताया है जबकि बी.एस. येद्दियुरप्पा 26 प्रतिशत लोगों की पसंद हैं। वहीं 13 प्रतिशत लोगों ने जद (एस) के एच.डी. कुमारास्वामी को अपनी पसंद बताया है। कर्नाटक विधानसभा को अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिहाज से भी काफी अहम माना जा रहा है। कर्नाटक में लोकसभा की 28 सीटें हैं। इनमें से 17 सीटें भाजपा के पास हैं, जबकि कांग्रेस के पास 9 सीटें हैं और 2 सीटें जद (एस) के पास हैं।

तीन बड़ी पार्टियों के लिए चुनाव के मायने
कर्नाटक चुनाव भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। पूर्वोत्तर में जीत का डंका बजाने के बाद भाजपा कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीतकर दक्षिण भारत में पांव पसारने की कोशिश में है। उधर, कांग्रेस के पासबड़े राज्यों में कर्नाटक ही बचा है इसलिए उसकी कोशिश सत्ता में बने रहने की होगी। कांग्रेस सत्ता बनाए रखने में सफल रहती है तो यह उसके लिए लोकसभा चुनाव से पहले संजीवनी की तरह से होगा। जे.डी.एस. भी बी.एस.पी. के साथ मिलकर दोनों प्रमुख पार्टियों को चुनौती देने का प्रयास कर रहीहै।

राष्ट्रीय विषयों पर भी ली राय
इस सर्वे में पी.एन.बी. घोटाले, अमित शाह के बेटे जय शाह की संपत्ति, नोटबंदी और जी.एस.टी. जैसे मामलों पर भी कांग्रेस को प्रोत्साहित करने वाले रुझान मिले हैं।

शहरी और ग्रामीण इलाकों में कांग्रेस आगे
इसके अलावा कांग्रेस के लिए खुश होने की एक और वजह पुराने मैसूर इलाके में तथा बेंगलूर के शहरी इलाकों में अच्छा प्रदर्शन करने के रुझान हैं। पुराने मैसूर में इसे 14 प्रतिशत वोट शेयर के फायदे के साथ 65 में से 33 सीटें और बेंगलूर में भी भाजपा से ज्यादा सीटें मिलने का अनुमान है।

Punjab Kesari

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