कांग्रेस को 21 साल बाद मिल सकता है गैर-गांधी अध्यक्ष

Thursday, Jul 04, 2019 - 11:01 AM (IST)

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष पद से राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद पार्टी को 21 साल बाद अब कोई गैर-गांधी प्रैजीडैंट मिल सकता है। इससे पहले सीताराम केसरी 1996 से 1998 तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे थे जो गांधी परिवार से नहीं थे। कांग्रेस वर्किंग कमेटी को अब नया अध्यक्ष चुनना होगा। चुनावी हार के बाद कांग्रेस में जारी नेतृत्व संकट के बीच यह समझना महत्वपूर्ण है कि आजादी के बाद गांधी परिवार से संबंध न रखने वाले कौन से नेता पार्टी प्रैजीडैंट बने।

रैड्डी, कामराज, निजालिंगप्पा के बाद बाबूजी
गैर-गांधी कांग्रेस अध्यक्षों में अगला नाम नीलम संजीवा रैड्डी, के. कामराज (1964 से 67), एस. निजालिंगप्पा (1968 से 69) का है। इसके बाद कांग्रेस का नेतृत्व बाबूजी के नाम से मशहूर बिहार से ताल्लुक रखने वाले दिग्गज नेता जगजीवन राम के कंधों पर आया। वह 1970-71 तक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे।

शर्मा और बरूआ को भी मिली कमान
जगजीवन राम के बाद शंकर दयाल शर्मा (1972 से 74) कांग्रेस प्रैजीडैंट चुने गए जो आगे चलकर देश के राष्ट्रपति भी बने। इस सूची में अगला नाम असम से आने वाले देवकांत बरूआ का है जो आपातकाल के समय कांग्रेस के अध्यक्ष थे।

आखिरी गैर-गांधी अध्यक्ष सीताराम केसरी थे
1977 से 78 तक के.बी. रैड्डी कांग्रेस के अध्यक्ष रहे जो गांधी परिवार से नहीं थे। इसके बाद गैर-गांधी परिवार से पी.वी. नरसिम्हा राव 1991 में कांग्रेस के अध्यक्ष बने। वह इस पद पर 1996 तक रहे। इस दौरान वह देश के प्रधानमंत्री भी रहे। 1996 में सीताराम केसरी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था और वह सोनिया गांधी के अध्यक्ष बनने तक इस पद पर रहे।

Seema Sharma

Advertising