कांग्रेस ने हमेशा आतंकवाद का तुष्टिकरण किया: अरुण जेटली

Tuesday, Mar 12, 2019 - 09:05 PM (IST)

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कांग्रेस पर आतंकवाद का तुष्टिकरण करने का आरोप लगाया और कहा कि आतंकवादी एवं विध्वंसक गतिविधि निरोधक कानून (टाडा) और आतंकवाद निरोधक कानून 2002 (पोटा) को कांग्रेस ने हटाया था। जेटली ने अपने ब्लॉग में लिखा कि आतंकवाद निरोधक कानून एवं अल्पसंख्यक विरोधी कानून में अंतर करना बहुत महत्वपूर्ण है। कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने उस अंतर को बिगाडऩे का प्रयास किया है, तभी से कांग्रेस ने आतंकवाद पर नरम रुख अख्तियार कर लिया। इससे आतंकवादियों का तुष्टिकरण शुरू हो गया।

जेटली ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा जैश ए मोहम्मद के सरगना को ‘मसूद अजहर जी’ कह कर संबोधित किए जाने के संदर्भ में यह टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि टाडा कानून को राजीव गांधी की सरकार के समय बनाया गया था। इसका उपयोग और दुरुपयोग दोनों हुआ , लेकिन यह कानून बना रहा। 1993 के मुंबई बम धमाकों के के बाद इसका आतंकवादियों के विरुद्ध व्यापक रूप से इस्तेमाल किया गया तो इसके विरुद्ध एक सांप्रदायिक अभियान शुरू हो गया। टाडा को अल्पसंख्यक विरोधी बताया गया तथा उसे निरस्त कराने का अभियान शुरू हुआ। पी वी नरसिंह राव के नेतृत्व वाली सरकार ने टाडा को निरस्त कर दिया।

वित्त मंत्री ने कहा कि आतंकवाद से बुरी तरह से प्रभावित भारत में कोई भी आतंकवाद निरोधक कानून नहीं बचा जो आतंकवादियों को डराने में समर्थ तथा आतंकवाद के मामलों में प्रक्रियागत एवं स्थानापन्न प्रावधानों से युक्त हो। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने आतंकवाद निरोधक कानून 2002 (पोटा) बनाया जिससे जुड़े विधेयक को संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में पारित कराया गया था ,लेकिन कांग्रेस ने पोटा को निरस्त करने का वादा किया। इस प्रकार से कांग्रेस ने आतंकवाद का तुष्टीकरण किया।

कांग्रेस पर आतंकवाद के प्रति नरम रुख को लेकर जेटली ने 2008 के बाटला हाउस मुठभेड़ के मामले का भी जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेताओं ने उसे एक फर्जी मुठभेड़ का मामला बताया था। आतंकवादियों को निर्दोष बताया था। जब 1993 के मुंबई के बम धमाकों, 26 नवंबर 2008 के मुंबई के हमले और संसद पर हमले के दोषियों को सजा दी गई तो अनेक कांग्रेसियों ने उन्हें क्षमादान दिए जाने की वकालत की थी। तथाकथित वाम उदारवादियों ने आतंकवादियों के पक्ष में कानूनी लड़ाई भी लड़ी थी।

shukdev

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