भाजपा के साथ गठबंधन शिवेसना की मजबूरी, आंतरिक मूल्याकंन रिपोर्ट में खुलासा

Monday, Oct 15, 2018 - 07:07 PM (IST)

मुंबई: शिवसेना के लिए आगामी लोकसभा चुनाव भाजपा में गठबंधन करना मजबूरी बनता जा रहा है। दरअसल शिवसेना की आंतरिक मूल्यांकन रिपोर्ट में बताया गया कि लोकसभा चुनाव 2019 में अकेले दम पर चुनाव लड़ना फायदे का सौदा नहीं होगा।

लाइव मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना के कुछ सांसदों ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर पार्टी के आंतरिक मूल्यांकन की रिपोर्ट पर बात की। उनमें से कुछ ने कहा कि अगर शिवसेना चुनाव अकेली लड़ती है तो वह अपनी 18 सीटें भी बचाने की स्थिति में नहीं होगी और सिमटकर 7-8 सीटों पर रह जाएगी। रिपोर्ट में हालांकि आशंकाएं बीजेपी के अकेले चुनाव लड़ने को लेकर भी जताई गईं हैं। उल्लेखनीय है कि इसी वर्ष जनवरी में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे संकेत दिए थे कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथ उसकी पार्टी के दिन पूरे हो चुके हैं और आगे से वह सभी चुनाव अकेले दम पर लड़ेगी।

रिपोर्ट के मुताबिक शिवसेना नेता ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि अकेले दम पर चुनाव लड़ना शिवसेना और बीजेपी किसी के लिए अच्छा नहीं होगा। कहा जा रहा है कि बड़ी संख्या में शिवसेना के सांसदों की राय है कि बीजेपी के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन पार्टी के हित में होगा। ज्यादातर सांसदों का मानना है कि कम से कम लोकसभा के चुनाव में शिवसेना को बीजेपी के साथ रहना चाहिए। रिपोर्ट के मुताबिक सांसदों ने उद्धव ठाकरे से कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में अंतर होता है, इसलिए 2019 के लिए बीजेपी से गठबंधन रखना ही ठीक होगा। सांसदों का कहना है एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ने पर बीजेपी का प्रदर्शन भी प्रभावित होगा।

रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी सांसदों ने अपनी भावनाएं पार्टी प्रमुख तक पहुंचा दी हैं। सांसद उम्मीद लगाए हैं कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे उनकी बात मानेंगे और बीजेपी से गठबंधन करेंगे। 2014 के लोकसभा चुनाव में शिवसेना गठबंधन में लड़ी थी, तब उसे 18 सीटें मिली थीं, जबकि बीजेपी ने 23 सीटें जीती थीं। बीजेपी ने 24 में से 23 सीटें जीती थीं और शिवसेना ने 20 में 18 सीटें जीती थीं।

उल्लेखनीय है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार पहले ही अनुमान व्यक्त कर चुके हैं कि भाजपा और शिवसेना आगामी लोकसभा चुनाव में एक साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैंं। लेकिन वे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लिए एक साथ आएं ऐसा नहीं हो सकता है।
 

shukdev

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