पैरा कमांडो कैसे होते हैं तैयार ,जानिए

Saturday, Oct 01, 2016 - 01:42 PM (IST)

Para Commando In Hindi भारतीय सैना ने पहली बार पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकियों को मार गिराया। इतिहास में 29 सितंबर 2016 का दिन स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज हो गया। जिन बहादुर सैनिकों के पराक्रम के कारण देश को यह गौरव प्राप्त हुआ उनके बारे में जानना जरूरी है आइए जानते हैं कैसे तैयार किए जाते हैं पैरा कमांडो-
 

पैरा कमांडो फोर्स क्या है 

पैरा कमांडो भारतीय सेना की पैराशूट रेजीमेंट की स्पेशल फोर्स की यूनिट होती है। पैरा कमांडो स्पेशल ऑपरेशन, डायरेक्ट एक्शन, बंधक समस्या, आतंकवाद विरोधी अभियान, गैरपरंपरागत हमले, विशेष टोही मुहिम, विदेश में आंतरिक सुरक्षा, विद्रोह को कुचलने, दुश्मन को तलाशने और तबाह करने जैसे सबसे मुश्किल काम आते हैं। ये स्‍पेशल फोर्स देश ही नहीं, विदेशों में भी कई बड़े ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुकी है।


पैरा कमांडों का चयन

सैना की विभिन्न यूनिटों से इन जवानों का चयन किया जाता है। तीन महीने की कठिन परीक्षा के बाद इनका चयन किया जाता है। इस दौरान थकावट, मानसिक और शारीरिक यातना आदि सभी दौर से इन्हें गुजारा जाता है। शरीर पर 60 से 65 किलो वजन और 20 किलोमीटर की दौड़ से पैरा कमांडो के दिन की शुरुआत होती है। एक पैरा कमांडो की ट्रेनिंग काम के साथ-साथ साढ़े तीन साल तक चलती रहती है। उसके बाद भी वक्‍त के हिसाब से कमांडो को अपडेट किया जाता रहता है।

एक पैरा कमांडो को साढ़े 33 हजार फुट की ऊंचाई से कम से कम 50 छलांग लगानी जरूरी होती हैं। एयरफोर्स के पैरा ट्रेनिंग स्‍कूल आगरा में इनका ट्रेनिंग सेंटर है। पानी में लडऩे के लिए नौ सेना डाइविंग स्‍कूल कोच्‍चि में ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग के दौरान ही करीब 90 प्रतिशत जवान ट्रेनिंग छोड़ जाते हैं। कई बार ट्रेनिंग के दौरान ही जवानों की मौत भी हो जाती है।


पैरा कमांडो के हथियार

ग्‍लोक-17, बैरोटा-92 और 1ए 9 एमएम सेमी ऑटोमैटिक पिस्‍टल, हैकलर और कोच एमपी5, 1ए एसएमजी सब मशीनगन
माइक्रो यूजी 9एमएम सब मशीनगन,टीएआर-21 टवोर असॉल्‍ट रायफल,एम4ए1 -कारबाइन,एमपीआई केएमएस-72-असॉल्‍ट रायफल,पीएमएमडी-90 असॉल्‍ट रायफल,वीएजेड-58 असॉल्‍ट रायफल,एसवीडी ड्रगोनोव सेमी ऑटोमैटिक स्‍निपर रायफल,आईएमआई गलिल स्‍निपर ऑटोमैटिक स्‍निपर रायफल,मऊसेर एसपी 66 बोल्‍ट एक्‍शन स्‍निपर रायफल,पीकेएम लाइट मशीनगन,यूके वीजेड-59एल  लाइट मशीनगन,एमजी 2ए1 जनरल पर्पज मशीनगन,एजीएस ऑटोमैटिक ग्रेनेड लांचर,बी-300 शीपोन 82 एमएम रॉकेट लांचर

एक ऑपरेशन के दौरान पैरा कमांडो ध्रुव और चेतक हेलीकॉप्‍टर, सी-130 जे सुपर हरक्‍यूलिस विमान और सभी तरह के मैदानी वाहन इस्‍तेमाल करते हैं।


पैरा कमांडो के बड़े ऑपरेशन

पैरा कमांडो ने इससे पहले जनवरी 2015 में म्यांमार में घुसकर आतंकवादियों को मारा था। मणिपुर में उग्रवादियों के इस हमले में देश के 18 जवान शहीद हुए थे। पैरा कमांडो बदला लेने के लिए यह काम सौंपा गया। इन कमांडो ने म्यांमार सीमा में घुसकर 38 उग्रवादियों को ढेर कर दिया। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहला अवसर था जब भारतीय सैनिक किसी दूसरे देश की सीमा में घुसकर आतंकियों का सफाया करने में सफल रहे।

पैरा कमांडो ने 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी, भारतीय पैरा कमांडो की ताकत के आगे पाकिस्तान के 90 हजार सैनिकों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। जुलाई 1999 में कश्‍मीर में कारगिल की पहाडिय़ों पर पाकिस्‍तान की फौज ने कब्जा कर लिया। इस लड़ाई में पाक फौज और आतंकवादियों के खिलाफ पैरा कमांडो का इस्‍तेमाल हुआ जिसके चलते एक बार फिर पाक को भारत के हाथों मुंह की खानी पड़ी थी।

Anil dev

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