कोयला घोटाला: ईडी ने अभिषेक बनर्जी से नौ घंटे की पूछताछ, बोले- हम और मजबूती से लड़ेंगे

punjabkesari.in Monday, Sep 06, 2021 - 11:39 PM (IST)

नई दिल्लीः तृणमूल कांग्रेस के सांसद एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित कोयला घोटाले से जुड़े धनशोधन के एक मामले में सोमवार को यहां लगभग नौ घंटे तक पूछताछ की। अभिषेक बनर्जी (33) मध्य दिल्ली में जाम नगर हाउस स्थित केन्द्रीय एजेंसी के कार्यालय से रात आठ बजे से थोड़ी देर पहले बाहर निकले। वह सुबह 11 बजे से थोड़ा पहले कार्यालय पहुंचे थे। ईडी के कार्यालय में प्रवेश करते समय उन्होंने कहा, ‘‘मैं जांच का सामना करने को तैयार हूं और मैं एजेंसी के साथ सहयोग करूंगा।''

अधिकारियों ने बताया कि मामले के जांच अधिकारी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत बनर्जी का बयान दर्ज किया। ऐसा समझा जाता है कि उनसे मामले के अन्य आरोपियों से संबंधों और दो कंपनियों के बारे में पूछा गया जो कथित तौर पर उनके परिवार से संबंधित हैं जिनमें कुछ कथित अवैध लेन-देन हुआ था। अभिषेक बनर्जी लोकसभा में डायमंड हार्बर सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के राष्ट्रीय महासचिव हैं।

ईडी ने केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की नवंबर, 2020 की एक प्राथमिकी पर गौर करने के बाद पीएमएलए की आपराधिक धाराओं के तहत संबंधित मामला दर्ज किया था। सीबीआई की प्राथमिकी में आसनसोल और उसके आसपास कुनुस्तोरिया और कजोरा इलाकों में ‘ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड' की खदानों से संबंधित करोड़ों रुपये के कोयला चोरी घोटाले का आरोप लगाया गया है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होने के लिए नयी दिल्ली रवाना होने से पहले कोलकाता हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बनर्जी ने कहा कि एजेंसी अगर किसी भी अवैध लेन-देन में उनकी संलिप्तता को साबित कर दे, तो वह फांसी के फंदे पर झूल जाएंगे। पश्चिम बंगाल में स्थानीय कोयला संचालक अनूप मांझी उर्फ ​​लाला इस अवैध लेन-देन में प्रमुख आरोपी है।

ईडी ने दावा किया था कि अभिषेक बनर्जी इस अवैध लेद-देन से प्राप्त धन के लाभार्थी थे। उनकी पत्नी रुजिरा को धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत समन भेजकर एक सितंबर को पेश होने को कहा गया था। हालांकि रुजिरा ने मौजूदा कोरोना वायरस का हवाला देते हुए एजेंसी से उनसे कोलकाता में ही पूछताछ करने का अनुरोध किया।

भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के कुछ अधिकारियों और अभिषेक बनर्जी से जुड़े एक वकील को भी इस महीने अलग-अलग तारीखों पर पेश होने के लिए समन जारी किया गया है। ईडी ने मामले में अभी तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है। उनमें से एक तृणमूल कांग्रेस युवा शाखा के नेता विनय मिश्रा के भाई विकास मिश्रा शामिल हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि विनय मिश्रा कुछ समय पहले देश से बाहर चला गया और उसने संभवत: देश की नागरिकता भी त्याग दी है।

इसके अलावा इस मामले में निदेशालय ने बांकुड़ा थाने के पूर्व प्रभारी निरीक्षक अशोक कुमार मिश्रा को इस साल की शुरुआत में गिरफ्तार किया था। ईडी ने दावा किया था कि मिश्रा बंधुओं ने इस मामले में ‘‘कुछ प्रभावशाली लोगों के लिए और खुद के लिए 730 करोड़ रुपये की राशि'' प्राप्त की। इस मामले में अनुमानित 1,352 करोड़ रुपये की हेराफेरी थी। निदेशालय ने मामले में इस साल मई में आरोप पत्र दाखिल किया था।


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Content Writer

Yaspal

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