कोचिंग सेंटर संघ और सरकार आमने-सामने, ठुकराया सरकार का फरमान- आज से खुलेंगे कोचिंग सेंटर

Tuesday, Apr 24, 2018 - 11:33 AM (IST)

श्रीनगर (मजीद) : प्रदेश के शिक्षा मंत्री अल्ताफ बुखारी द्वारा तीन महीनों के लिए सभी निजी कोचिंग सेंटरों को बंद किए जाने के फरमान के एक दिन बाद कोचिंग सेंटर एसोसिएशन ने कहा कि जब तक सरकार फैसले को लेकर अस्पष्टता को खत्म नहीं करेगी, तब तक वह संस्थानों को बंद नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि घाटी भर में मंगलवार से सभी कोचिंग सेंटर सामान्य रुप से खुलेंगे।  प्रेस कांफ्रैंस को संबोधित करते हुए कोचिंग सेंटर एसोसिएशन, कश्मीर (सी.सी.ए.के) ने कहा कि मंगलवार से सेंटर खुले रहेंगे क्योंकि सेंटरों को बंद करने के लिए अभी तक कोई भी सरकारी आदेश जारी नहीं किया गया है। सी.सी.ए.के. के महासचिव लतीफ मसूदी ने सरकार से अस्पष्टता को खत्म करने की अपील करते हुए कहा कि कोई स्पष्टता नहीं है कि कौन से सेंटरों को बंद करना है। 


उन्होंने कहा कि प्रतिस्पर्धा परीक्षाओं के लिए कोचिंग नौवीं कक्षा से शुरु होती है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाएं हैं, जो नौवीं कक्षा में आयोजित की जाती हैं। साथ ही छात्र जे.ई.ई. और एन.ई.ई.टी. परीक्षाओं के लिए 11वीं कक्षा से तैयारी करना शुरु कर देते हैं। 

गलत शब्दों का प्रयोग न करे सरकार
एसोसिएशन ने कहा कि शिक्षा मंत्री और अन्य सरकारी अधिकारियों द्वारा कोचिंग संस्थानों के संबंध में ‘व्याकुलता, मानवाधिकार उल्लंघन और मनी-मिटिंग दुकानें’ जैसे शब्दों का उपयोग करना निंदाजनक और दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हम कभी भी प्रोत्साहित नहीं करेंगे और वास्तव में छात्रों से इस फैसला का विरोध करने के लिए सडक़ों पर नहीं उतरने का सुझाव देंगे। छात्र की जगह कक्षा में है और इसी तरह यह होना चाहिए। 

शिक्षा मंत्री ने किया था अनुरोध
बता दें कि गत रात शिक्षा मंत्री अल्ताफ बुखारी ने कहा कि कोचिंग सेंटरों से 90 दिनों के लिए बंद रहने का अनुरोध किया जाएगा क्योंकि सरकार देखना चाहती है कि इसका स्कूलों में कक्षाओं पर क्या असर पड़ेगा। हालांकि, बंद करने के आदेश में एन.ई.ई.टी. और जे.ई.ई. जैसे प्रतिस्पर्धा परीक्षाओं के लिए ट्यूशन सेंटरों को छूट है।
 
 आदेश को नागपुर से जारी किया गया : गिलानी
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रियत कांफ्रैंस (जी) चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी ने राज्य प्रशासन द्वारा निजी कोचिंग सेंटरों को बंद करने की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह के सभी आदेशों को नागपुर से जारी किया जा रहा हैं। उन्होने कहा कि यह कदम सत्तारुढ़ शासन के अहंकारी दृष्टिकोण को दर्शाता है। एक बयान में गिलानी ने राज्य प्रशासन पर आर.एस.एस. एजेंडा का पालन करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस तानाशाही आदेश का मकसद हमारे बच्चों का भविष्य बर्बाद करना है।  गिलानी ने सरकार पर साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह अच्छा काम करने में नाकाम रहे और उनकी गतिविधियां नई दिल्ली में अपने आकाओं को खुश करना है। निजी कोचिंग सेंटरों का हवाला देते हुए गिलानी ने कहा कि अपवाद हर जगह है और कुछ कमियों को छोडक़र इन संस्थानों ने समाज में सुधार करने के लिए बहुत योगदान दिया है।
 

Monika Jamwal

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