केजरीवाल सरकार का बड़ा आदेश, एंटीजन टेस्ट की जगह RT-PCR टेस्ट पर देंगे ज्यादा ध्यान

Wednesday, Jul 29, 2020 - 12:41 PM (IST)

नई दिल्ली/डेस्क। दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामलों की घटती की संख्या के बीच यहां पर हो रहे कोरोना के टेस्ट की संख्या पर सवाल उठने लगे हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वो दिल्ली में आरटीपीसीआर टेस्ट करवाने के मामले में सख्ताई करेगी। दरअसल, दिल्ली में आरटीपीसीआर टेस्ट के मुकाबले रैपडि एंटीजन टेस्ट अधिक हो रहे हैं, जिस पर हाईकोईट ने सवाल उठाया था। 

इसके बाद आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा है कि मौजूदा दिशानिर्देश कहते हैं कि यदि किसी भी मरीज का एंटीजन टेस्ट नकारात्मक है, लेकिन उसमें कोरोना के लक्षण हैं, तो उसका अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर टेस्ट किया जाना चाहिए। मैंने इन दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए आज अधिकारियों को निर्देशित किया।

 

दिल्ली हाईकोर्ट ने उठाए थे टेस्ट पर सवाल 
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने सवाल किया है कि दिल्ली में रैपिड एंटीजन टेस्ट आरटी-पीसीआर की तुलना में अधिक क्यों हो रहे हैं। जबकि ये सर्वविदित है कि एंटीजन टेस्ट के परिणाम अधिक भरोसेमंद नहीं होते।  

कोर्ट ने कहा कि रैपिड एंटीजन टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट के गलत साबित होने की दर अधिक है। अदालत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि दिल्ली सरकार भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद द्वारा जारी दिशा निर्देशों का सख्ती से अनुपालन करें और इस संबंध में अपने मुताबिक कार्य ना करे। 

 

अग्रिम मोर्चे के जांच के तौर पर हो एंटीजन टेस्ट
हाई कोर्ट ने इस बात का भी जिक्र किया कि दिल्ली में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा किए गए सीरो सर्वे से यह संकेत मिला है कि 22. 86 प्रतिशत से अधिक आबादी कोरोना से पीड़ित हुई है, जबकि उन्हें यह महसूस नहीं हुआ कि वह संक्रमित हैं। क्योंकि उनमें शायद इसके लक्षण नहीं थे।न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि इस तरह के परिदृश्य में दिल्ली सरकार अपने अग्रिम मोर्चे के जांच के तौर पर रैपिड एंटीजन टेस्ट के साथ आगे बढ़ सकती है। 

Murari Sharan

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