CJI गोगोई पहले ही दिन आए एक्शन मोड में, भरी अदालत में वकील को लगाई फटकार

Wednesday, Oct 03, 2018 - 04:42 PM (IST)

नई दिल्लीः नए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई पदभार संभालते ही एक्शन मोड में आ गए। अपने कार्यकाल के पहले ही दिन एक वकील को फटकार लगा दी और चुनाव सुधार से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने किसी मामले की त्वरित सुनवाई के लिए विशेष उल्लेख (मेन्शनिंग) की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। चीफ जस्टिस के तौर पर कामकाज संभालते ही न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने कहा कि मेन्शनिंग की प्रक्रिया के लिए पहले पैरामीटर तय किए जाएंगे और उसी के अनुरूप किसी याचिका की त्वरित सुनवाई का निर्धारण किया जाएगा। तब तक केवल जिदंगी और मौत से संबद्ध मामलों पर ही त्वरित सुनवाई होगी। सीजेआई ने उस वक्त यह बात कही, जब वकील मैथ्यू जे नेदुम्परा ने चीफ जस्टिस का पद संभालने के लिए उन्हें बधाई दी और एक मामले की त्वरित सुनवाई का आग्रह करते हुए मामले का विशेष उल्लेख किया।

वकील की बधाई पर न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा कि मि. नेदुम्परा, हमें बधाई की जरूरत नहीं। आप मेन्शन करने के लिए आए हैं न? लेकिन जब तक पैरामीटर नहीं बन जाता, तब तक कोई मेन्शनिंग मंजूर नहीं होगी। उसके बाद चीफ जस्टिस ने सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई शुरू कर दी। उन्होंने सुनवाई के क्रम में यह स्पष्ट कर दिया कि मामले में पास-ओवर भी नहीं मिलेगा। वहीं, भाजपा नेता और वरिष्‍ठ वकील अश्विनी उपाध्‍याय ने चुनावी खर्चों से जुड़े मौजूदा कानून में खामियों, चुनाव से जुड़ी याचिकाओं के लंबे समय से लंबित होने और इसके कारण निष्‍पक्ष चुनाव पर पड़ने वाले असर को लेकर कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की थी। इस मामले पर सुनवाई शुरू करते ही चीफ जस्टिस ने पूछा कि इसमें याची कौन हैं।

इस पर अश्विनी उपाध्‍याय अधिवक्‍ता के गाउन (रोब) पहने अपनी जगह पर खड़े हो गए। इस पर सीजेआई ने पूछा कि क्या इस मामले में वकील हैं। तो वकील ने कहा कि वे इस मामले में सहयोग कर रहे हैं। इस पर सीजेआई सख्त हो गए और बोले कि आप वकील और याची दोनों ही हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि कहां है शिष्‍टाचार? आपकी याचिका को सिर्फ इसी आधार पर खारिज कर देना चाहिए। वहीं, पीठ ने अश्विनी उपाध्‍याय को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।

Seema Sharma

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