उपराष्ट्रपति ने कहा- भारतीयों की नागरिकता नहीं छीनेगा संशोधित नागरिकता कानून

Wednesday, Dec 18, 2019 - 12:20 AM (IST)

नई दिल्लीः उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने बांग्लादेश के प्रशिक्षु राजनयिकों से मंगलवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून का उद्देश्य धर्म के आधार पर उत्पीड़न के शिकार शरणार्थियों को नागरिकता देना है तथा किसी धर्म के भारतीयों से उनकी नागरिकता छीनना इसका मकसद नहीं है। नायडू ने कहा कि भारत जानता है कि म्यामां के रखाइन राज्य से लाखों की संख्या में विस्थापित लोगों के आने से बांग्लादेश पर कितना अधिक भार है और इन विस्थापित लोगों के प्रति ढाका ने जो मानवीय रुख दिखाया है, उसकी वह सराहना करते हैं।

उप राष्ट्रपति के सचिवालय की ओर से जारी वक्तव्य के अनुसार, उन्होंने कहा कि विस्थापित रोहिंग्या लोगों को म्यामां वापस भेजने में, म्यामां के साथ उसके द्विपक्षीय प्रयासों में भारत के पूर्ण समर्थन पर बांग्लादेश भरोसा कर सकता है। संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में पूर्वोत्तर में प्रदर्शनों के चलते बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन और गृह मंत्री असदुज्जमान खान ने अपना भारत दौरा रद्द कर दिया था। इसके कुछ ही दिनों बाद उप राष्ट्रपति ने यह बयान आया है।

नायडू ने इस बात पर बल दिया कि भारत अपने पड़ोस में शांति तथा स्थिरता और अपने पड़ोसियों के साथ मित्रवत संबंध चाहता है। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि कश्मीर मुद्दे का अब समाधान हो चुका है। उन्होंने सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकी संगठनों को प्रशिक्षित करने, उन्हें मदद देने, उकसाने और वित्त पोषित करने के पड़ोसी देश के प्रयासों की भर्त्सना की। उन्होंने प्रशिक्षु राजनियकों से कहा कि दुनिया अब बहु ध्रुवीय हो गई है और अब नयी वैश्विक सच्चाई को दर्शाने के लिए बहुपक्षीय संगठन के नए सिरे से गठन का वक्त है।

नायडू ने कहा कि भारत के लिए बांग्लादेश बहुत मायने रखता है। उन्होंने कहा, ‘‘बांग्लादेश हमारे लिए खास है। इसलिए आपका भारत दौरे पर आना हमारे लिए बहुत महत्व रखता है।'' उन्होंने कहा कि भारत का हमेशा यह मानना है कि मजबूत, स्थिर और समृद्ध बांग्लादेश भारत के हित में है और ‘‘2041 में विकसित देश बनने की ओर आपकी यात्रा में हम आपके साझेदार बनना चाहते हैं।''

 

Yaspal

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