नागरिकता विधेयक आंदोलन : पुलिस के साथ भिड़ंत में छह महिलाएं घायल

Monday, Feb 11, 2019 - 05:24 PM (IST)

इंफाल: नागरिकता विधेयक को तत्काल वापस लिए जाने की मांग को लेकर शहर में सड़क को अवरुद्ध कर रहे प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बाजार में आंसू गैस छोड़ी और धुएं के बम दागे। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई इस भिड़ंत में छह महिला प्रदर्शनकारी घायल हो गईं। बाजार स्थित विक्रेता संघ ने यह जानकारी दी। हालांकि इस घटना की अधिकारियों ने पुष्टि नहीं की है।

ख्वायरमबंद बाजार महिला संघ की अध्यक्ष शांतिदेवी ने कहा कि पुलिस ने रविवार को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को खदेडऩे के लिए बल प्रयोग किया। उन्होंने कहा कि महिला विक्रेताओं ने अपनी मांगों पर जोर देने के लिए बाजार में बैनर और टैंट लगाने के साथ-साथ सड़क को अवरुद्ध किया। इस विवादास्पद बिल के विरोध में आंदोलन के मद्देनजर इलाके में अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 144 लागू की गई है। शांतिदेवी ने कहा कि पुलिस ने टैंटों को उखाडऩे तथा बैनरों को नष्ट करने की कोशिश की जिसके जरिए बिना किसी शर्त के विधेयक को वापस लेने की मांग की गई थी।

उन्होंने कहा कि महिलाओं ने ऐसा करने से रोका जिसके बाद दोनो पक्षों में झड़प हो गई । शांतिदेवी ने दावा किया कि, ‘पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और धुंआ बमों का इस्तेमाल किया। इससे छह महिलाएं घायल हो गई। स्थिति तब और खराब हो गई जब उन्होंने एक घायल महिला को हिरासत में लेने की कोशिश की।’ उन्होंने बताया कि बाद में घायल महिला को क्षेत्रीय आयुर्वेदिक संस्थान (आरआईआईएमएस) में भर्ती कराया गया। 

मणिपुर पीपुल्स अगेंस्ट सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल (एमएएनपीएसी) के संयोजक वाई दिलीप कुमार ने बल प्रयोग की निंदा करते हुए कहा कि महिलाएं लोकतांत्रिक तरीके से प्रदर्शन कर रहीं थी। उन्होंने कहा कि महिला विक्रेताओं पर बल प्रयोग से स्पष्ट है कि राज्य सरकार केंद्र के निर्देशों पर काम कर रही है। इसबीच, विरोध-प्रदर्शन के मद्देजनर सोमवार को पूरे इंफाल में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद रही। किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए बड़ी संख्या में राज्य के सुरक्षा कर्मियों के साथ-साथ अर्धसैनिक बलों को इंफाल में तैनात किया गया है। नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लोकसभा से 8 जनवरी को पारित किया गया। इसमें बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आए गैर मुस्लिमों को कुछ शर्तों के साथ नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है।

shukdev

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