नकाबपोश पत्थरबाज आखिर कौन हैं...हो रही खोज

Wednesday, Dec 18, 2019 - 10:48 AM (IST)

नई दिल्ली: नागरिकता कानून के विरोध में दोपहर से चल रहा प्रदर्शन एकाएक 4 बजे उग्र कैसे हो गया। जो लोग शांत थे उनके पास पत्थर कहां से आए। यही नहीं प्रदर्शन में वो नाकाबपोश कौन थे,जिन्होंनें सबसे पहले स्कूली बस को निशाना बनाया फिर पुलिसकर्मियों को पीटना शुरू कर दिया। बता दें कि इसी स्कूली बस में 40 बच्चे और 2 टीचर मौजूद थे। पुलिस की जांच में साफ है कि इन्हीं नाकाबपोश के आने के बाद सीलमपुर में ङ्क्षहसा भड़की और कुछ घंटों के लिए हालात बेकाबू हो गए। 

जाफराबाद, सीलमपुर में मंगलवार को कांग्रेस के पूर्व विधायक चौधरी मतीन अहमद के नेतृत्व में जाफराबाद से शुरू हुई नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ  रैली निकाली गई थी। हालांकि इसकी अनूमति नहीं ली गई थी, लेकिन उसके बाद पुलिस ने चुप रही क्योंकि प्रदर्शन शांतिपूर्वक चल रहा था। वहीं दूसरी तरफ आप विधायक दूसरी तरफ प्रदर्शन कर रहें थे, लेकिन एकाएक इसी बीच जाफराबाद की गली से करीब 15 नकाबपोश इसी प्रदर्शन में शामिल हो गए और उन्होने पत्थरबाजी शुरू करदी जिसके बाद ये ङ्क्षहसा शुरू हुई। इस संबंध में एडिशनल डीसीपी आरपी मीणा ने बताया कि सीसीटीवी और वायरल वीडियो से कुछ लोगों की पहचान की गई है,जिन पर सख्त एक् शन लिया जाएगा। 


पुलिस पर केमिकल भी फेंका
हालात पर काबू पाने के लिए मौके पर आए पुलिसकर्मियों ने बताया कि सड़क पर उपद्रव कर रहे प्रदर्शनकारियों ने ही नहीं बल्कि दोनों ओर मौजूद घरों से भी पुलिस पर हमला हुआ। पुलिस पर पत्थर और ईंट ही नहीं बीयर व शराब की बोतलें भी फेंकी गई। उपद्रवी यही नहीं रुके उन्होंने पुलिस पर की बोतलों में नीले रंग का कोई केमिकल भी फंेका।  सड़क पर जगह जगह पड़े कांच, ईंट, पत्थर घटना को बयां कर रहे थे। पुलिस ने जब पथराव कर रहे उपद्रवियों को खदेड़ा तो घरों के उपर से पुलिस पर बीयर की बोतलें फेंकी जाने लगी। साथ ही उपद्रवी पुलिस टीम पर एक प्लास्टिक पैक में बंद नीले रंग का तरल प्रदार्थ भी फेंके। बताया जा रहा है कि वह कोई केमिकल है। पुलिस ने उसे जांच के लिए अपने कब्जे में ले लिया है।
 

अमन कमेटी भी पहचान करेगी नकाबपोशों की
पुलिस के बाद अमन कमेटी ने भी कहा है कि वे ङ्क्षहसक प्रदर्शन के खिलाफ है। उन्होंने भी सीलमपुर की मस्जिदों से लोगों से शांति की अपील की है। इस मौके पर पूर्व विधायक चौ.मतीन अहमद ने कहा कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्वक था, जिन उपद्रवियों ने बसों पर हमला किया और पत्थरबाजी की है,उनकी पहचान हम भी कर रहें है। वे पुलिस की जांच में हर तरह का सहयोग देेगे। उन्होंने कहा उनका प्रदर्शन नागरिकता विधेयक के खिलाफ न कि पुलिस के खिलाफ। 
 

बसें तोड़ी, पुलिस बूथ में आग
प्रदर्शनकारियों ने पथराव के बाद जाफरबाद रोड पर स्थित एक पुलिस बूथ में भी आग लगा दी। वह यहीं नहीं रुके उन्होंने बूथ के बाहर खड़ी बुलेट बाइक समेत दो बाइकों को भी आग के हवाले कर दिया, जबकि एक कलस्टर और एक निजी स्कूल बस के अलावा कई निजी वाहनों के साथ तोडफ़ोड़ की गई। हिंसा को भड़कता देख सीलमपुर से जाफराबाद के रास्ते को बंद कर दिया गया। आने-जाने वाले दोनों रास्ते बंद थे। दोनों रास्तों पर इलाके के लोग फैल गए। पूरी मार्केट सुबह ही बंद करा दी गई थी। बवाले के बाद पूरे इलाके में सन्नाटा पस गया। लोग घरों से निकलने में भी डर रहे थे। 

Anil dev

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