गरीब दलितों को लालच देकर पढ़ाते थे बाइबिल, SC-ST कोर्ट ने ईसाई दंपती को सुनाई 5 साल की सजा
punjabkesari.in Friday, Jan 24, 2025 - 05:36 PM (IST)
नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के अंबेडकर नगर में एक ईसाई दंपती को गरीब दलितों को लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में 5 साल की सजा सुनाई गई है। यह सजा SC-ST कोर्ट के विशेष न्यायाधीश राम विलास सिंह ने दी है। इसके अलावा, दोनों पर 25-25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। यह ईसाई धर्मांतरण के मामले में उत्तर प्रदेश धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत पहली सजा है।
जानें क्या था मामला?
जानकारी के अनुसार, जोस पापाचन और उसकी पत्नी शीजा एएमएन के खिलाफ जलालपुर के जमौली निवासी भाजपा नेता चंद्रिका प्रसाद ने 18 जनवरी 2023 को केस दर्ज कराया था। चंद्रिका ने अपनी शिकायत में बताया कि जोस और शीजा 2022 में शाहपुर फिरोज गांव की दलित बस्ती में आए थे और वहां गरीब दलित परिवारों को टारगेट कर उन्हें धर्म परिवर्तन के लिए उकसाया। उन्होंने दलितों को बड़ी संख्या में इकट्ठा कर 25 दिसंबर 2022 को धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया था।
ऐसे करवाते थे धर्म परिवर्तन
चंद्रिका की शिकायत के बाद पुलिस ने जोस और शीजा को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में दोनों के पास से ईसाई धर्म से जुड़ी सामग्री भी बरामद हुई थी। पुलिस की जांच में यह जानकारी भी सामने आई कि यह दंपती दलित बस्ती में पहुंचकर वहां के लोगों को बाइबल का पाठ पढ़ाते थे, उन्हें ईसा मसीह के बारे में बताते थे और रुपए-पैसे का लालच देकर उन्हें ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करते थे। इसके बाद वे इन लोगों का धर्म परिवर्तन करवाकर उन्हें अपनी किताबें देते थे। इसके अलावा, यह दंपती जनसभा भी आयोजित करते थे, जिसमें भी लोग धर्म परिवर्तन के लिए उकसाए जाते थे।
25-25 हजार रुपए का लगा जुर्माना
इन सभी सबूतों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने माना कि जोस और शीजा ने दलित समाज के लोगों को प्रलोभन देकर सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया और विधि विरुद्ध तरीके से उनका धर्म परिवर्तन करवाया। इसके आधार पर कोर्ट ने उन्हें दोषी पाया और उन्हें धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम के तहत 5 साल की सजा और 25-25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया। कोर्ट के आदेश के बाद, शीजा को 18 जनवरी और जोस को 22 जनवरी को जेल भेजा गया है।