J&K: ऊधमपुर में बोले मोदी, कश्मीरी युवा टूरिज्म या टैरारिज्म में से एक को चुनें

punjabkesari.in Monday, Apr 03, 2017 - 09:15 AM (IST)

जम्मू/ऊधमपुर(बलराम/ सौरभ/दीपक): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जम्मू-श्रीनगर नैशनल हाईवे पर देश की सबसे लंबी सुरंग चिनैनी-नाशरी जनता को समर्पित की। इसके बाद सुरंग में कुछ दूर पैदल भी चले। इसके उपरांत प्रधानमंत्री ने ऊधमपुर में एक रैली को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वह कश्मीर के युवाओं को कहना चाहते हैं कि वे पत्थर की ताकत पहचानें। घाटी के कुछ युवा जब पत्थर मारने में लगे हुए थे तो जम्मू-कश्मीर के ही कुछ अन्य युवा पत्थर काटकर राज्य का भाग्य बदलने में जुटे थे। उन्होंने कहा कि कश्मीर के युवाओं के समक्ष दो ही रास्ते हैं।

एक रास्ता टैरारिज्म की तरफ जाता है जिसमें अनेक लोगों की जान गई। खून के इस खेल में हिन्दुस्तान ने अपने अनेक लाल खोए लेकिन किसी का भला नहीं हुआ। दूसरा रास्ता टूरिज्म की तरफ जाता है। दोनों रास्तों में एक रास्ता लोगों को चुनना होगा। पिछले 40 वर्ष में कश्मीर घाटी में यदि पर्यटन को बढ़ावा दिया गया होता तो आज पूरी दुनिया कश्मीर के चरणों में होती।

पाकिस्तान पर साधा निशाना
मोदी ने पाकिस्तान पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग सीमा पार बैठे हैं, वे तो खुद को भी संभाल पाने की स्थिति में नहीं हैं। पाक अधिकृत कश्मीर (पी.ओ.के.) के लोगों को देखना होगा कि उस हिस्से पर कब्जा करने वाले पाकिस्तान ने उन्हें क्या दिया और भारत ने कश्मीर में कितना विकास करवाया। उन्होंने कहा कि भारत तो फिर भी पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों की प्रगति की कामना करता है।

भाग्यरेखा साबित होगी चिनैनी-नाशरी सुरंग
उद्घाटन समारोह में राज्यपाल एन.एन. वोहरा, मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, उप-मुख्यमंत्री डा. निर्मल सिंह, केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डा. जितेंद्र सिंह, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सत शर्मा, सांसद जुगलकिशोर शर्मा और राज्य के कई मंत्री एवं विधायक भी शामिल हुए।   प्रधानमंत्री ने कहा कि चिनैनी-नाशरी सुरंग कश्मीर घाटी के लिए भाग्यरेखा साबित होगी, क्योंकि इससे न केवल घाटी में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि बागवानों के फल एवं सब्जियों को भी बिना खराब हुए नई दिल्ली पहुंचाने में मदद मिलेगी।

कश्मीरी युवाओं की तारीफ की
मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार भविष्य में ऐसी 9 सुरंगों का निर्माण करेगी लेकिन सरकार का मकसद केवल रास्तों का नैटवर्क मजबूत करना नहीं है, बल्कि दिलों का नैटवर्क बनाना भी है। उन्होंने कहा कि भले ही यह सुरंग भारत सरकार के पैसे से बनी हो लेकिन इसमें जम्मू-कश्मीर के 2500 युवाओं के पसीने की महक भी है, जिन्होंने अपनी मेहनत से पत्थरों को काटकर सुरंग का निर्माण किया।  मोदी ने कहा कि चिनैनी-नाशरी के बीच बनी यह सुरंग केवल देश की सबसे लम्बी सुरंग नहीं है, बल्कि जम्मू-कश्मीर के विकास की लम्बी छलांग है। हिमालय की छाती को चीरकर बनाई गई यह सुरंग ग्लोबल वाॄमग से परेशान दुनिया और पर्यावरणविदों के लिए भी शुभ संदेश है। उनकी सरकार भी वाजपेयी के ‘कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत’ के मूल मंत्र को लेकर आगे बढऩे के लिए संकल्परत है।

उन्होंने कहा कि हर भारतीय का सपना होता है कि वह कश्मीर की हसीन वादियों की सैर करे, लेकिन बर्फबारी या मौसम की खराबी के कारण पर्यटकों को पहले बहुत-सी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। सुरंग निर्माण से अब उन्हें किसी संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा और वे सीधे कश्मीर पहुंच जाएंगे। जितना पर्यटन बढ़ेगा, जम्मू-कश्मीर में उतना ही आर्थिक विकास होगा।

केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के साथ
मोदी ने कहा कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर को जो 80 हजार करोड़ रुपए का आर्थिक पैकेज दिया था, उसका आधे से ज्यादा भाग जमीन पर कार्यान्वित हो गया है। इसके लिए महबूबा सरकार बधाई की पात्र है, वर्ना कई जगह तो ऐसे पैकेज केवल कागजों तक ही सीमित रह जाते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि विकास के मामले में केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ है।


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