'अकेले चीन के विरोध से कमजोर नहीं होगा भारत का संकल्प'

Friday, Nov 03, 2017 - 07:27 PM (IST)

नई दिल्लीः मास्टरमाइंड मसूद अजहर पर यूएन के बैन पर चीन के अड़ंगे को लेकर भारत ने कहा है कि हमारा संकल्प कमजोर नहीं होगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने शुक्रवार को कहा कि हम एक बार फिर काफी निराश हुए हैं लेकिन एक अकेले देश के चलते हमारी लड़ाई कमजोर नहीं होगी।

प्रवक्ता ने कहा कि भारत और चीन के बीच आतंकवादी मसूद अजहर समेत तमाम विवादास्पद मुद्दों पर जल्द ही विदेश मंत्री स्तर पर बातचीत होने की उम्मीद है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी दिसंबर में भारत की यात्रा पर आएंगे। 

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि मसूद अजहर के मुद्दे को चीन के सामने पहले भी उठाया जाता रहा है और वह हमारी चिंताओं को इस मुद्दे पर अच्छी तरह जानता है। मसूद अजहर पर प्रतिबंध की कोशिशों को ब्लॉक कर देने से आतंकवाद से लड़ाई के खिलाफ हमारा संकल्प कमजोर नहीं होगा। इस मुद्दे पर हमारे साथ और भी देश जुड़े हैं और जुड़ते रहेंगे। 

सूत्रों ने बताया कि रूस, भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक राजधानी में 11 दिसंबर को होगी। पहले यह बातचीत अप्रैल में होनी थी लेकिन चीन ने इसे टाल दिया था। तब माना गया था कि तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा के विरोध में चीन ने यह कदम उठाया था। 

मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र में अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव पर अंतर्राष्ट्रीय आम सहमति की कोशिशों को चीन की ओर से ब्लॉक कर दिए जाने के बाद गुरुवार को एक बयान में प्रवक्ता ने कहा था कि हम एक बार फिर काफी निराश हुए हैं, एक अकेले देश ने अंतरराष्ट्रीय आम सहमति रोक दी। 

इसे डबल स्टैंडर्ड करार दिया गया। हाफिज सईद के मसले पर प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान ने उसके मामले में कोई प्रयास नहीं किया है। वह कई आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार है, ऐसे में पाकिस्तान सरकार को चाहिए कि वह हाफिज सईद को आतंकवाद पनपाने के लिए अपने यहां जगह न दे। 

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