चीन बना रहा था बड़ी प्लानिंग, भारत ने ऐसे किया पैंगोंग में कब्जा

Tuesday, Sep 01, 2020 - 08:35 AM (IST)

नेशनल डेस्कः पूर्वी लद्दाख में चीन की सेना ने नई चाल चलते हुए 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात को पैंगोंग सो (झील) के दक्षिणी किनारे पर घुसपैठ करने की कोशिश की लेकिन भारतीय सैनिकों ने अपनी फुर्ती और सूझबूझ से चीन को करारा जवाब दिया। सूत्रों के मुताबिक LAC पर माहौल को देखते हुए भारतीय सेना की विकास रेजिमेंट बटालियन उत्तराखंड से पैंगोंग लेक के दक्षिणी तट के पास तैनात की गई है। बटालियन ने एक स्ट्रैटेजिक हाइट पर कब्जा कर लिया जो LAC पर भारत के क्षेत्र में निष्क्रिय था। चीन दावा करता है कि यह क्षेत्र उसके क्षेत्र में स्थित है।

 

चीनियों का इरादा उस ऊंचाई पर कब्जा करना था, जिससे झील और आसपास के दक्षिणी तट को नियंत्रित करने में रणनीतिक लाभ मिल सकता है। भारत को इस प्लानिंग का आभास हो गया था, ऐसे में चीन की ओर से कोई कदम उठाने से पहले यह फैसला लिया गया था कि इस स्ट्रैटजिक हाइट पर सेना की टुकड़ी को तैनात करना चाहिए। सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने बताया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने पूर्वी लद्दाख गतिरोध पर सैन्य और राजनयिक स्तर की बातचीत के जरिए बनी पिछली आम सहमति का ‘‘उल्लंघन'' किया तथा यथास्थिति बदलने के लिए भड़काऊ सैन्य गतिविधि की। सरकारी सूत्रों ने कहा कि क्षेत्र पर कब्जा करने के प्रयास के तहत बड़ी संख्या में चीनी सैनिक

 

पैंगोंग सो (झील) के दक्षिणी किनारे की ओर बढ़ रहे थे, लेकिन भारतीय सैनिकों ने प्रयास को विफल करने के लिए तुरंत अच्छी-खासी संख्या में सैनिकों की तैनाती कर दी। उन्होंने बताया कि नया मोर्चा खोलने के चीन के प्रयास के दौरान दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच कोई शारीरिक संघर्ष नहीं हुआ। दोनों पक्षों के बीच पैंगोंग सो के उत्तरी किनारे पर तनातनी लंबे समय से जारी है, लेकिन यह पहली बार है जब तनातनी की घटना झील के दक्षिणी किनारे पर हुई है। गलवान घाटी में 15 जून को हुई झड़प के बाद यह पहली बड़ी घटना है। गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे। इस झड़प में चीन के सैनिक भी मारे गए, लेकिन उसने इस संबंध में अब तक जानकारी साझा नहीं की है। अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में चीन के 35 सैनिक मारे गए थे।

Seema Sharma

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