हिंद महासागर में चीन को मुंहतोड़ जवाब देगा भारत, बनाई एेसी रणनीति अब हावी नहीं हो सकेगा ड्रैगन

Friday, Dec 01, 2017 - 06:17 PM (IST)

नई दिल्लीः हिंद महासागर में चीन को काबू में रखने के लिए भारत ने एेटमी ताकत से लैस 6 पनडुब्बियां बनाने की तैयारियां शुरू दी हैं। नेवी चीफ सुनील लांबा ने बताया, इस प्रॉजेक्ट की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है लेकिन रणनीतिक महत्व के कारण इस बारे में और जानकारी नहीं दी जा सकती है। नेवी चीफ ने दिल्ली में शुक्रवार को पत्रकारों के सवालों के जवाब में हिंद महासागर में चीन से मिल रही चुनौतियों का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि भारत के पास फिलहाल 2 परमाणु पनडुब्बियां हैं- आईएनएस चक्र और आईएनएस अरिहंत। चक्र को रूस से लीज पर लिया गया है। रक्षा जानकार पनडुब्बियों के मामले में चीन को भारत से आगे मानते हैं। 

लगातार जारी है चीनी पनडुब्बियों का आना
साथ ही समुद्री डकैती रोकने के नाम पर चीनी पनडुब्बियों की गश्त को अजीब मानते हुए नेवी चीफ ने कहा कि हमने इन पनडुब्बियों से खतरे पर गौर किया है। 2013 से चीनी पनडुब्बियां साल में 2 बार आती हैं। यह पैटर्न अब भी कायम है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट पर अगर भविष्य में चीनी नौसेना के जहाज आते हैं तो यह खतरा होगा। 

जल्द शामिल होगी देश में बनी पहली पनडुब्बी
देश में बनी पहली पनडुब्बी कलवरी के जल्द नौसेना में शामिल होने की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि दूसरी पनडुब्बी खंदेरी का ट्रायल चल रहा है, जो अच्छा रहा है। इसके बाद दूसरे प्रॉजेक्ट 75 (इंडिया) पर उन्होंने कहा कि हम रणनीतिक भागीदारी मॉडल के तहत इसकी तैयारी कर रहे हैं, जिसमें विदेशी और भारतीय कंपनी का गठजोड़ भारत में पनडुब्बी बनाएगी। 

रूसी मीडिया की रिपोर्ट्स को सिरे से किया खारिज 
नेवी चीफ ने इस बात को भी सही बताया कि भारत की मौजूदा 2 परमाणु पनडुब्बियों में से एक आईएनएस चक्र हादसे का शिकार हो गई थी। उनके मुताबिक इसका सोनार पैनल अलग हो गया। उम्मीद है कि पनडुब्बी जल्दी ही ऑपरेशनल हो जाएगी। उन्होंने रूसी मीडिया की उन रिपोर्ट्स को खारिज किया कि किसी अमरीका को पनडुब्बी में जाने दिया गया था। नेवी चीफ बताया कि पहला स्वदेशी विमान वाहक पोत 2020 तक नेवी में शामिल हो जाएगा। 
 

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