आतंकी मसूद अजहर को लेकर मुसीबत में फंसा चीन, मंत्री भेजा पाकिस्तान
Thursday, Mar 07, 2019 - 02:06 PM (IST)
बीजिंगः आतंकियों की जन्नत कहे जाते पाकिस्तान पर मसूद अजहर पर कार्रवाई के लिए जितना अंतर्राष्ट्रीय दबाव है तकरीबन उतना ही दबाव चीन पर मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए है। चीन के लिए मुश्किल ये है कि आतंकवाद के मसले पर वो अपने दोस्त पाक के खिलाफ भारत समेत अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटन का किस तरह से साथ दे । ऐसे में चीन ने इस मसले को सुझाने के लिए अपने उप विदेश मंत्री कोंन जुआनो को पाकिस्तान भेजा है।
बताया जा रहा है चीनी उप विदेश मंत्री कोंन जुआनो अपने इस्लामाबाद के दौरे के दौरान पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए हमले के बाद बने हालात और भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने के मसले पर चर्चा करेंगे। बताया जा रहा है कि चीनी उप विदेश मंत्री पाकिस्तान से फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी UNSC में लाए गए उस प्रस्ताव के बारे में भी चर्चा करेंगे जिसमें आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकी घोषित करने की मांग की गई है। आपको बता दें कि UNSC में पिछले सप्ताह अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने प्रस्ताव पेश किया है।
अजहर मसूद के जैश ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली है। जानकारी के मुताबिक यूएनएससी सदस्य देश 13 मार्च तक स्पष्टीकरण की मांग करेंगे इसके बाद सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। चीन इससे पहले UNSC में कई बार वीटो का इस्तेमाल जैश सरगना मसूद अजहर का बचाव कर चुका है और चीन की वजह से ही मसूद अजहर को अबतक वैश्विक आतंकी नहीं घोषित किया जा सका है। लेकिन पुलवामा हमले के बाद भारत के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय रूख को देखते हुए चीन के लिए इसबार ऐसा कर पाना आसान नहीं होगा।
बता दें कि पिछले दिनों बीजिंग में चीन-रूख और भारतीय विदेश मंत्रियों की हुई बैठक में भी सुषमा स्वराज ने आतंकवाद का मुद्दा जोरशोर से उठाया था।इस दौरान रूस के साथ-साथ चीन ने भी भारत को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हर मुमकिन समर्थन का भरोसा दिया था। गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने वाले जैश के मुखिया को नामित करने का एक प्रस्ताव अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के समक्ष बीते सप्ताह रखा था।
सूत्रों ने बताया कि परिषद के सदस्य इस प्रस्ताव पर थोड़ा और स्पष्टीकरण चाहते हैं। अजहर पर प्रतिबंध लगने के बाद उसकी वैश्विक यात्राओं पर रोक लगने के साथ साथ उसकी संपत्तियां और पहले से रखे हथियार जब्त हो सकेंगे। बीते दस सालों में संयुक्त राष्ट्र में अजहर को प्रतिबंधित करने का यह चौथा प्रयास होगा।