चीन की गिद्ध दृष्टि अब भूटान परः सीमा को लेकर डाला अड़ंगा, नए क्षेत्र पर ठोका दावा

Wednesday, Jul 22, 2020 - 12:24 PM (IST)

बीजिंगः अपनी विस्तारवादी नीतियों के चलते चीन ने कई देशों पर नजरें गढ़ रखी हैं। भारत, नेपाल, हांगकांग, ताइान के बाद चीन की गिद्ध दृष्टि अब छोटे से शांतिप्रिय देश भूटान पर टिकी है।चीन ने भूटान की साकतेंग वाइल्डलाइफ सेंचुरी पर अपना दावा ठोंकते हुए कहा है कि दोनों देशों की सीमा का निर्धारण करने के लिए वह जल्द ही पैकेज सॉल्यूशन पेश करेगा और आशा है कि भूटान उसके प्रस्ताव को स्वीकार कर लेगा और दोनों देशों का सीमा विवाद सुलझ जाएगा। हालांकि भूटान ने चीन के इस दावे पर कड़ा एतराज जताया है।

चीन ने हाल ही में ग्लोबल इन्वॉयरमेंट फैसिलिटी (जीईएफ) के समक्ष साकतेंग सेंचुरी पर अपना दावा पेश किया था। चीन ने सेंचुरी को आर्थिक सहायता देने के जीईएफ के फैसले पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि उसकी संपत्ति को उसकी जानकारी के बगैर कैसे सहायता दी जा सकती है। चीन ने भूटान में सकतेंग वन्यजीव अभयारण्य पर अपने हालिया दावे का बचाव करते हुए चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि अभी दोनों देशों के बीच सीमांकन नहीं हुआ है।

उन्होंने कहा, ''चीन का रुख अटल और स्पष्ट है। चीन और भूटान के बीच सीमांकन नहीं हुआ है और मध्य, पूर्वी तथा पश्चिमी हिस्सों में कुछ विवाद हैं।'' प्रवक्ता ने कहा, ''लिहाजा, चीन विवाद को सुलझाने के लिए पैकेज समाधान की वकालत करता है।'' उन्होंने कहा कि चीन इस मुद्दे को बहुपक्षीय मंचों पर विवाद बनाने का विरोध करता है और इसे लेकर संबंधित पक्षों के संपर्क में है।'' खबरों के अनुसार नयी दिल्ली स्थित भूटान के दूतावास ने अभयारण्य पर दावे को लेकर चीनी दूतावास को आपत्ति पत्र भेजा है।

उधर,  भूटान, भारत, बांग्लादेश, मालदीव, और श्रीलंका की प्रतिनिधि विश्व बैंक की अधिकारी अपर्णा सुब्रमणि ने कहा कि भूटान चीन के दावे को पूरी तरह खारिज करता है। इसके बाद जीईएफ काउंसिल ने कथित रूप से सकतेंग के वित्तपोषण को मंजूरी दे दी है। चीन और भूटान के बीच राजनयिक संबंध नहीं हैं, लेकिन दोनों देश समय-समय पर एक-दूसरे के यहां होने वाली आधिकारिक यात्राओं के जरिए संपर्क में रहते हैं। दोनों देश सीमा विवाद को सुलझाने के लिये 24 बार बातचीत कर चुके हैं।

Tanuja

Advertising