BRICS Summit: चीन-रूस ने UN में भारत की बड़ी व महत्वपूर्ण भूमिका का किया समर्थन

Wednesday, Jun 02, 2021 - 01:14 PM (IST)

बीजिंग: मंगलवार को ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में  चीन के विदेश मंत्री वांग यी का रुख भारत को लेकर  काफी संवेदनशील रहा। इस दौरान पांचों सदस्य देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन व दक्षिण अफ्रीका) के विदेश मंत्रियों की तरफ से स्वीकृत साझा बयान में भारत की तरफ से प्रस्तावित कई मुद्दों को अहम स्थान दिया गया। पहली बार ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद,  WTO, विश्व बैंक जैसे बहुराष्ट्रीय संगठनों में नई वैश्विक व्यवस्था के मुताबिक बदलाव की भारत की पुरानी मांग को  स्वीकार किया  गया और इस आगे बढ़ाने का खाका भी पेश किया।

 

पहली बार ब्रिक्स संगठन के सभी सदस्यों ने एक स्वर में मौजूदा वैश्विक संस्थानों में बड़े बदलाव की आवाज उठाई । इसमें संयुक्त राष्ट्र व इसकी बड़ी इकाइयों जैसे सुरक्षा परिषद आम सभा सचिवालय के साथ आइएमएफ विश्व बैंक WTO अंकटाड व WHO में बदलाव की बात कही गई है। ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों के बीच संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव के पक्ष में आम राय बनना भारत की एक अहम उपलब्धि मानी सकती है। इसके लिए ब्रिक्स के विदेश मंत्रियों ने छह सूत्रीय सिद्धांत तय किए हैं जिसके आधार पर वे बहुदेशीय संस्थानों में बदलाव की बात आगे बढ़ाएंगे।

 

संयुक्त बयान में रूस और चीन ने कहा कि वे यूएन जैसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत, ब्राजील व दक्षिण अफ्रीका की बड़ी भूमिका सुनिश्चित करने के पक्षधर हैं। यही नहीं ब्रिक्स ने भारत की तरफ से अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद पर रोक लगाने के लिए प्रस्तावित समझौते कंप्रेहेंसिव कंवेंशन आन इंटरनेशनल टेरोरिज्म (सीसीआइटी) को संयुक्त राष्ट्र में आगे बढ़ाने के लिए साझा कोशिश करने की बात कही है। अफगानिस्तान के मुद्दे पर भी ब्रिक्स देशों ने भारत के रुख के मुताबिक ही संयुक्त राष्ट्र की तरफ से घोषित आतंकी संगठनों को वहां पूरी तरह से समाप्त करने की बात कही है।

 

कोरोना वैक्सीन को पेटेंट के जाल से मुक्त कराने की मुहिम में जुटे भारत के प्रस्ताव को ब्रिक्स ने समर्थन करने का एलान किया है। कहने की जरूरत नहीं कि यह समर्थन चीन के सकारात्मक सहयोग के बिना संभव नहीं हो सकता। भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर की अध्यक्षता में हुई वर्चुअल बैठक में फैसला हुआ कि कोरोना से बचाव के लिए जरूरी दवाओं व इंजेक्शन को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के तहत बौद्धिक संपदा अधिकार के नियमों के तहत छूट देने के प्रस्ताव का समर्थन किया जाएगा। यह प्रस्ताव डब्ल्यूटीओ की बैठक में भारत व दक्षिण अफ्रीका ने संयुक्त तौर पर पेश किया था, जिसे अमेरिका व यूरोपीय संघ जैसे बड़े देशों का समर्थन मिल चुका है।

 

Tanuja

Advertising