ताइवान ने चीन को दिखाया ठेंगा-कहा-"भारत के साथ हम सुरक्षित, ड्रैगन की तानाशाही स्वीकार नहीं "

Thursday, Oct 22, 2020 - 02:55 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः सीमाओं और कब्जे को लेकर जहां भार-चीन में तनाव बढ़ा हुआ है वहीं ताइवान के साथ भी ड्रैगन की तनातनी चल रही है। चीन जहां ताइवान को धमका रहा है वहीं दूसरे देशों पर भी दबाव बना रहा है कि ताइवान को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता न दें। ताइवान के विदेश मंत्री जोसेफ वू एक इंटरव्यू में कहा कि चीन उनको बेशक विदेश मंत्री नहीं मानता और दूसरे देशों पर भी इसके लिए दबाव बनाता है लेकिन मुझे अधिकांश देश मिनिस्टर वू के रूप में जानते हैं। उन्होंने कहा कि आज दुनिया के अधिकतर देश ताइवान से बातचीत कर रहे हैं और मुझे विदेश मंत्री मानते हैं।

फिजी में चीनी राजनयिकों से विवाद पर जोसेफ वू ने कहा कि 8 अक्टूबर को हमारे फिजी कार्यालय में ताइवान के राष्ट्रीय दिवस का जश्न मनाया जा रहा था । तभी चीनी दूतावास के अधिकारी वहां बिना बुलाये पहुंच गए और हमारे एक साथी को घायल कर दिया। उन्होंने चीन की इस हरकत की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय दिवस ताइवान के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है, लेकिन चीनी नहीं चाहते थे कि हम इस महत्वपूर्ण दिवस को यादगार बनाएं इसलिए उन्होंने हमें रोकने के लिए हिंसा का सहारा लिया, जो कि पूरी तरह से अस्वीकार्य है। जोसेफ वू ने कहा है कि ताइवा एक लोकतांत्रिक देश है और हमें अपनी लोकतांत्रिक परंपरा पर गर्व है। लेकिन चीन लगातार विस्तार करने की कोशिश कर रहा है ऐसे में भी हम अपनी संप्रभुता की रक्षा कर रहे हैं।

उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि चीन की तानाशाही कतई स्वीकार नहीं की जाएगी। चीन से दूसरे खतरों पर बोलते हुए ताइवान के विदेश मंत्री ने कहा कि, चीनी राजनयिक संबंधित देशों पर दबाव बनाते हैं कि ताइवान के साथ रिश्ते नहीं रखे जाएं। चीनी राजनयिक द्वारा भारतीय प्रेस को भी कहा गया था कि ताइवान से जुड़ी खबरें प्रकाशित न करें, लेकिन भारत में हम खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं। यहां हमें कोई खतरा नहीं दिखता, क्योंकि हमारे भारत के साथ बहुत अच्छे संबंध हैं। ताइवान पर चीन के संभावित आक्रमण पर जोसेफ वू ने कहा कि चीन न केवल मिसाइलों की तैनाती कर रहा है, बल्कि उसने जमीन और आकाश में अपनी सैन्य गतिविधियों को भी तेज कर दिया है, जो निश्चित तौर पर खतरनाक स्थिति की तरफ इशारा करता है। चीन अपनी मंशा छिपा नहीं रहा, बल्कि उसने ताइवान को लेकर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।

इसके मद्देनजर हम भी अपनी सैन्य क्षमता पर ध्यान दे रहे हैं और कई देशों से समर्थन जुटा रहे हैं। यह पूछे जाने पर कि ताइवान के साथ कौन देश खड़े हैं? वू ने कहा ‘ताइवान हमारा देश है. ताइवान सरकार और सेना देश की रक्षा करने के लिए खड़ी है। हमने बार-बार कहा है सरकार और यहां के लोग खुद का बचाव करने के लिए दृढ़ हैं। यही कारण है कि हम अपनी सेना पर अधिक खर्च करते हैं और अपनी सुरक्षा के लिए अधिक हथियार खरीदने की कोशिश करते हैं. हम आधुनिक सिद्धांतों के अनुसार अपनी सेना को प्रशिक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं।. यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय को दिखाने का तरीका है कि ताइवान खुद को बचाने के लिए कितना दृढ़ है। ’

Tanuja

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