भारत से बचने के लिए पाकिस्तान में ताकत झोंक रहा चीन, साठगांठ कर POK में बना रहा सैन्य अड्डा !
Tuesday, Sep 15, 2020 - 04:43 PM (IST)
इस्लामाबाद: पिछले कई दशकों से भारत के साथ चीन दोगली नीति अपनाता आ रहा है। सीमा पर तनाव के चलते दोनों देशों के संबंधों में खटास बढ़ती जा रही है। इस बीच तिब्बत और ताइवान से दूर रहने की नसीहत देने वाला चीन खुद भारत के हितों की अनदेखी कर उकसावे वाली कार्रवाई में लगा हुआ है। भारत के एक्शन से बचने के लिए चीन पाकिस्तान में अपनी सारी ताकत झोंकने में लग गया है।
चीन-पाकिस्तान इकनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के तहत चीन जहां पाकिस्तान में 87 अरब डॉलर के निवेश कर रहा है, वहीं चुपके से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के गिलगिट इलाके में पाकिस्तानी सेना की मदद से सैन्य ठिकाना बनाने में लगा हुआ है। चीन और पाकिस्तान इसी नापाक चाल की वजह से लद्दाख में भारत के साथ ड्रैगन का तनाव बढ़ता जा रहा है। चीन CPEC के तहत पाकिस्तान में 87 अरब डॉलर की मदद से बंदरगाह, सड़कें, रेलवे और पॉवर प्लांट बना रहा है। चीन का मकसद मलक्का स्ट्रेट पर अपनी निर्भरता को कम करते हुए ग्वादर पोर्ट के रास्ते दुनिया को सामानों की निर्यात करना है।
चीन को हमेशा यह डर बना रहता है कि मलक्का स्ट्रेट में भारत और अमेरिका उसके लिए संकट का सबब बन सकते हैं इसीलिए उसने अपनी पूरी ताकत पाकिस्तान में झोक दी है। एशिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने हाल के दिनों में सीपीईसी के तहत 11 अरब डॉलर के और प्रॉजेक्ट को मंजूरी दी है। इनमें से कई चीनी प्रॉजेक्ट पीओके में चलाए जाने हैं। स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तानी प्रशासन भले ही इस बात का खंडन करता हो लेकिन उसने चुपके से चीनी सेना को अपने ग्वादर और गिलगिट बाल्टिस्तान के सैन्य ठिकानों को इस्तेमाल करने का अधिकार दे दिया है।
बता दें कि गिलगिट विवादित POK में आता है जिस पर भारत अपना दावा करता रहा है। चीन ग्वादर और गिलगिट दोनों ही जगहों पर अरबों डॉलर का निवेश कर रहा है। चीन के इस काम में उसकी सीधी मदद पाकिस्तानी सेना कर रही है। इस अरबों डॉलर के प्रॉजेक्ट में पाकिस्तानी सेना भी जमकर पैसा बना रही है। पाकिस्तानी सेना के संगठन फ्रंटियर वर्क्स ऑर्गनाइजेशन को सीपीईसी से जुड़े कई ठेके मिले हैं।
इसके अलावा भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव के बीच चीन और पाकिस्तान ने आपस में अरबों डॉलर का समझौता किया है। पाकिस्तान के हिस्से वाले कश्मीर (PoK) के कोहोला में 2.4 अरब डॉलर के हाइड्रो पावर प्रॉजेक्ट के लिए यह समझौता हुआ है। यह प्रॉजेक्ट बेल्ट ऐंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का हिस्सा है जिसके जरिए यूरोप, एशिया और अफ्रीका के बीच कमर्शल लिंक बनाने का उद्देश्य है। इस प्रॉजेक्ट की मदद से देश में बिजली सस्ती हो सकती है।