कश्मीर मुद्दे पर चीन का रुख नहीं बदलेगा

Tuesday, Mar 28, 2017 - 11:34 AM (IST)

पेइचिंग: चीन ने सोमवार को 46 अरब डॉलर की ‘चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा’ (सीपेक) परियोजना का बचाव करते हुए कहा कि इसका मकसद क्षेत्र के लोगों की जीविका में सुधार करना है और इससे कश्मीर मुद्दे पर पेइचिंग का रुख नहीं बदलेगा। गिलगित-बाल्टिस्तान को अपना 5वां प्रांत घोषित करने के पाकिस्तान के ‘मनमाने’ कदम के खिलाफ ब्रिटिश संसद में पेश प्रस्ताव पर सजग प्रतिक्रिया देते हुए चीन ने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर उसका रुख वही रहेगा। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह भारत और पाकिस्तान के बीच का मुद्दा है जो इतिहास से मिला है। इसका संबंधित पक्षों द्वारा बातचीत और विचार-विमर्श के जरिए उचित ढंग से समाधान होना चाहिए जबकि ब्रिटिश संसद में पेश प्रस्ताव में कहा गया है कि गिलगित-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तान ने 1947 से अवैध कब्जा कर रखा है और वह इस विवादित क्षेत्र का अपने साथ विलय करने का प्रयास कर रहा है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ
विशेषज्ञों का कहना है कि सीपेक से चीन तक कच्चे तेल की पहुंच आसान हो जाएगी। चीन आयात होने वाला यह तेल मलक्का की खाड़ी से शंघाई पहुंचता है। यह करीब 16 हजार कि.मी. का रास्ता है, लेकिन सीपेक से यह दूरी 5 हजार कि.मी. घट जाएगी। दूसरा, चीन अरब सागर और हिंद महासागर में पैठ बनाना चाहता है। तीसरा, ग्वादर बंदरगाह पर नेवी ठिकाना होने से चीन अपने बेड़े की मुरम्मत आदि के लिए ग्वादर बंदरगाह का इस्तेमाल कर सकेगा।

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