पत्थरबाजों के खिलाफ पैलेट गन नहीं बल्कि होगा इस गोले का इस्तेमाल

Wednesday, Dec 05, 2018 - 04:31 PM (IST)

श्रीनगर : कश्मीर में पत्थरबाजी हमेशा से एक चुनौती रही है। घाटी में आतंकवाद से निपटने में भारतीय सेना की राह में पत्थरबाजी सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि पत्थरबाजी करने वाले स्थानीय युवक ही होते हैं, जिनपर सुरक्षाबल बल प्रयोग नहीं कर पाते। हालांकि एहतियात के तौर पर पैलेट गन का इस्तेमाल जरूर किया जाता है। ऐसे में अब खबर है कि घाटी में पत्थरबाजों से निपटने के लिए पैलेट गन की जगह मिर्ची गोलों का इस्तेमाल किया जाएगा।

माना जा रहा है कि घाटी में अगले साल से इसका इस्तेमाल किया जाना शुरू हो जाएगा। शिमला मिर्च (कैप्सिकम) ऑयल से बने इन गोलों को पत्थरबाजों के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। इसके इस्तेमाल से उपद्रवियों की आंख और शरीर में चार से पांच घंटे तक जलन रहेगी और वो उपद्रव नहीं कर सकेंगे। सुरक्षा बल अगले साल से इन गोलों का प्रयोग शुरू कर देंगे।

मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, इजरायल समेत कई देशों के मॉडल की परख के बाद अंतरराष्ट्रीय मापदंडों का ख्याल करके इसे तैयार किया जा रहा है। हालांकि यह पूरी तरह भारत में निर्मित होगा। मिर्ची गोले का इस्तेमाल पैलेट गन के विकल्प के तौर पर किया जाएगा, क्योंकि पैलेट गन को लेकर हमेशा से विवाद रहा है। कश्मीर में पैलेट गन की वजह से स्थानीय लोगों को काफी नुकसान होने की खबरें आती रही हैं।


सीआरपीएफ  के एक अधिकारी ने कहा कि हम पैलेट गन का उपयोग कम से कम करना चाहते हैं, लेकिन जो वैकल्पिक गोले हैं वे उतने कारगर नहीं हैं। मिर्ची गोले मिलने से पैलेट गन का इस्तेमाल कम होगा। पैलेट गन के इस्तेमाल से शारीरिक क्षति होती थी, जिसे लेकर कई बार सवाल उठे। इसे देखते हुए गृह मंत्रालय ने कम घातक मिर्ची गोलों के इस्तेमाल को मंजूरी दी थी।

Monika Jamwal

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