अफस्पा पर चिदंबरम ने जेटली को घेरा, पूछे सवाल
Thursday, Apr 04, 2019 - 08:24 PM (IST)
नई दिल्लीः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने आफस्पा के मुद्दे पर बृहस्पतिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली को घेरने की कोशिश करते हुए कहा कि त्रिपुरा, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के हिस्सों से इस विवादास्पद कानून को वापस लिए जाने पर वह खामोश क्यों हैं। चिदंबरम ने यह आरोप भी लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा में नीतियों पर पलटी मारने वालों का एक गिरोह है।
गौरतलब है कि जेटली ने मंगलवार को कांग्रेस की आलोचना की थी। दरअसल, उसके पहले कांग्रेस ने अपने चुनाव घोषणापत्र में कहा कि वह चुनाव के बाद सत्ता में आने पर सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (आफस्पा) की समीक्षा करेगी। यह अधिनियम अशांत इलाकों में तैनात सुरक्षा बलों को अभियोजन से कई सारी छूट देता है। जेटली ने आरोप लगाया था कि टुकड़े-टुकड़े गिरोह ने कांग्रेस घोषणापत्र के कुछ हिस्सों का मसौदा तैयार किया, जो कश्मीर और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों से संबद्ध है।
चिदंबरम ने सिलिसेलवार ट्वीट में जेटली से यह भी पूछा कि क्या वह जबरन गुमशुदगी, यौन हिंसा और प्रताडऩा का समर्थन करते हैं। जिन इलाकों में आफस्पा लागू है वहां ये आरोप आम बात हैं। पूर्व केंद्रीय गृह एवं वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा, ‘‘हम कहते हैं कि इन मामलों में आफस्पा के तहत कोई छूट नहीं होनी चाहिए। मिस्टर जेटली क्या कहते हैं? ’’ उन्होंने पूछा, ‘‘मिस्टर अरूण जेटली त्रिपुरा (2015), मेघालय (2018) और अरूणाचल प्रदेश (1- 4- 2019) के कुछ हिस्सों से आफस्पा हटाने के सवालों का जवाब क्यों नहीं दे रहे हैं? ’’
Is Mr @arunjaitley supporting 'enforced disappearance, sexual violence and torture'?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) April 4, 2019
We say that in these three cases there should be no immunity under AFSPA. What does Mr Jaitley say?
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस में कोई टुकड़े-टुकड़े गिरोह नहीं है। भाजपा में नीतियों पर पलटी मारने वाला गिरोह है।’’ उल्लेखनीय है भाजपा टुकड़े टुकड़े गिरोह नाम का इस्तेमाल उन छात्रों के लिए करती है जो जेएनयू में 2016 में कथित तौर पर भारत विरोधी नारेबाजी करने के आरोपी हैं। साथ ही, वह इस नाम का इस्तेमाल माओवादियों और अलगाववादियों से हमदर्दी रखने वालों के लिए भी करती है।