छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव प्रचार में कसमे-वादों की राजनीति

Sunday, Nov 18, 2018 - 05:51 AM (IST)

बिलासपुरः छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार के दौरान कसमे-बादों की राजनीति भी खुलकर सामने आई। कसम पॉलटिक्स की शुरुआत उस समय हुई, जब हाल में छत्तीसगढ़ में चुनाव प्रचार के लिए आए भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय गृहमंत्री राज्यमंत्री राजनाथ सिंह ने कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र को आउटडेटेड चेक बताते हुए कहा कि किसानों का कर्ज माफ करने संबंधी दावा झूठा है और जो पार्टी अपनी विश्वसनीयता खो चुकी है , उसके घोषणापत्र पर कोई कैसे विश्वास करे।

इसी तारतम्य में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय गृहराज्य मंत्री आरपीएन सिंह और पार्टी प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने गंगा जल छूकर कसमें खाई और कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के 10 दिन के भीतर किसानों का कर्ज माफ कर दिया जायेगा। उन्होंने भाजपा नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भाजपा के साढ़े चार साल पहले के वादे तो वादे ही रह गये और इन पर कोई भाजपाई कुछ नहीं कह रहे हैं।

कांग्रेस नेताओं के गंगा जल छूकर कसम खाने को लेकर छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ भाजपा नेता एवं कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने उन पर तंज कसते हुए कहा, कांग्रेस के ये दिन आ गए कि अब उन्हें अपने राहुल गांधी के वादों पर भी भरोसा ना रहा , जो अब गंगा जल छूते हुए कसम खाकर जनता को विश्वास दिलाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। कसम खाने का दूसरा वाकया शनिवार को उस समय सामने आया, जब जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ प्रमुख अजीत जोगी ने धर्म ग्रंथो की सौगंध खाते हुए कहा कि वह किसी भी हालत में भाजपा का साथ नहीं लेंगे। 

जोगी ने मीडिया में स्वयं के हवाले से आई उस बयान के संदर्भ में यह टिप्पणी की जिसमें कहा गया था कि त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में वह भाजपा की मदद ले सकते हैं। उन्होंने रायपुर में प्रेस कांफ्रेंस में संवाददाताओं के समक्ष सभी धर्म ग्रंथो पर हाथ रखकर सौगंध ली और कहा, मर जाउंगा लेकिन भाजपा को समर्थन नहीं दूंगा। सूली पर लटकना पसंद करुंगा, लेकिन भाजपा से समर्थन नहीं लूंगा और न ही उसे समर्थन दूंगा।

Yaspal

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