दादा जिला कोर्ट में चौकीदार, पिता न्यायाधीशों के ड्राइवर, बेटा बन गया जज

Thursday, Aug 22, 2019 - 03:42 PM (IST)

इंदौर: गुदड़ी के लालों के लिये प्रेरणा की नजीर पेश करते हुए मध्यप्रदेश में 26 वर्षीय युवक ने सिविल जज वर्ग-दो की भर्ती परीक्षा में कामयाबी हासिल की है। खास बात यह है कि इस युवक के पिता जिला अदालत में न्यायाधीशों के ड्राइवर के रूप में पदस्थ हैं, जबकि उसके दादा अदालत में चौकीदार रह चुके हैं। 

अदालत में ड्राइवर है चेतन के पिता
मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की जबलपुर स्थित परीक्षा इकाई की बुधवार को घोषित अस्थायी चयन सूची के मुताबिक, सिविल जज वर्ग-दो की भर्ती परीक्षा में चेतन बजाड़ (26) ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में 13वां रैंक हासिल किया है। उन्हें लिखित परीक्षा और साक्षात्कार में 450 अंकों में से कुल 257.5 अंक मिले हैं। बजाड़ ने बृहस्पतिवार को कहा, मेरे पिता गोवर्धनलाल बजाड़ इंदौर की जिला अदालत में ड्राइवर हैं। मेरे दादा हरिराम बजाड़ इसी अदालत से चौकीदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। 26 वर्षीय युवक ने कहा, मेरे पिता का हमेशा से सपना था कि उनके तीन बेटों में से एक बेटा जज बने। आखिरकार मैंने उनका सपना पूरा कर दिया है। 

चेतन की कहानी को सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं लोग 
पिता को अपना आदर्श बताने वाले बजाड़ ने बताया कि उन्होंने कानून में स्नातक की उपाधि हासिल की है और सिविल जज वर्ग-दो की भर्ती परीक्षा में उनका चयन चौथे प्रयास में हुआ। बहरहाल, सामान्य पृष्ठभूमि से आने वाले इस युवक की दुनिया इस चयन के बाद बदल गई है और कई लोग उनकी कामयाबी की कहानी को सोशल मीडिया पर भी साझा कर रहे हैं। बजाड़ ने कहा, न्यायाधीश की महती जिम्मेदारी भरी कुर्सी पर बैठने के बाद मेरा प्रयास रहेगा कि लोगों को अदालत में जल्द से जल्द इंसाफ मिले।

Anil dev

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