पाकिस्तान सीमा से बस इतनी दूरी पर है चिनाब ब्रिज, जानिए हमलों से बचने के लिए क्या है इसमें खास इंतजाम

punjabkesari.in Friday, Jun 06, 2025 - 02:51 PM (IST)

नेशनल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज जम्मू-कश्मीर में विश्व का सबसे ऊंचा चिनाब ब्रिज का उद्घाटन किया है। उद्घाटन से पहले उन्होंने इस पुल का निरीक्षण भी किया। इस पुल के चालू होने के बाद कटरा से संगलदान के बीच 63 किलोमीटर के रेलवे रूट पर आम लोगों के लिए ट्रेन सेवाएं शुरू हो जाएंगी। यह पुल चिनाब नदी से 359 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इसे दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज माना जाता है। इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह तेज हवा और भूकंप जैसी आपदाओं का भी सामना कर सके। इस पुल के बनने से जम्मू और श्रीनगर के बीच कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी।

चिनाब ब्रिज और पाकिस्तान सीमा की दूरी

चिनाब ब्रिज कश्मीर के अखनूर इलाके में बनाया गया है। यह पुल भारत के लिए सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे भारत की कश्मीर पर पकड़ मजबूत होगी। अगर भारत और पाकिस्तान के बीच कभी युद्ध की स्थिति बनती है, तो इस पुल के कारण भारत को रणनीतिक फायदा होगा। यह पुल लाइन ऑफ कंट्रोल (LOC) से केवल 64 किलोमीटर दूर है। LOC ही भारत और पाकिस्तान की सीमा है। इस पुल से सेना को रसद और अन्य जरूरी सामान आसानी से पहुंचाने में मदद मिलेगी, जिससे घाटी में विकास होगा और यह हर मौसम में देश से जुड़ा रहेगा। यही वजह है कि पाकिस्तान और चीन इससे चिंतित हैं।

पुल की सुरक्षा और मजबूती

यह पुल भूकंपीय जोन 5 में आता है, जो बेहद खतरनाक भूकंप क्षेत्र माना जाता है। इसे इस तरह बनाया गया है कि 8 मैग्नीट्यूड तक के भूकंप का भी कोई नुकसान न हो। पुल में 24 घंटे निगरानी के लिए CCTV कैमरे लगे हैं। यह पुल बम धमाके भी प्रभावी नहीं होगा। इसके निर्माण में खास तकनीक जैसे एंटी-कोरोजन, स्टेनलेस स्टील, पॉलीसिलॉक्सेन पेंट और फाइबर रिइंफोर्सड प्लास्टिक का इस्तेमाल हुआ है, जिससे यह लंबे समय तक मजबूत रहेगा। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) की मदद से इसे ब्लास्ट लोड के लिए भी डिजाइन किया गया है, ताकि 40 किलोग्राम या उससे अधिक विस्फोट से भी यह सुरक्षित रहे।

पाकिस्तान के लिए चिंता का विषय

चिनाब ब्रिज पाकिस्तान के लिए बड़ी समस्या बन गया है। यह पुल POK (पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर) से ज्यादा दूर नहीं है, जहां चीन और पाकिस्तान मिलकर चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) चला रहे हैं। इस पुल के बनने से भारत की कश्मीर में मजबूत मौजूदगी बढ़ेगी, जिससे पीओके के कई प्रोजेक्ट्स पर असर पड़ेगा। इसके अलावा, बेहतर कनेक्टिविटी से आतंकवाद पर भी नियंत्रण मजबूत होगा, जो पाकिस्तान के लिए चिंता का बड़ा कारण है। इस पुल से जम्मू-कश्मीर में विकास की नई दिशा मिलेगी और यह क्षेत्र देश से और भी मजबूती से जुड़ जाएगा।

 


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Content Editor

Mehak

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