#Cheer4India: पीएम मोदी ने सुनाई खिलाड़ियों के संघर्ष की कहानी, कहा- पूरा देश खुले मन से दे इनका सा

Sunday, Jun 27, 2021 - 09:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले भारतीय खिलाड़ियों की सराहना करते हुए रविवार को कहा कि उन सभी ने इसके लिए ‘वर्षों तक परिश्रम’ किया है और देश को अगले महीने तोक्यो खेलों के दौरान उन पर दबाव डाले बिना उनका समर्थन करना चाहिए। मोदी ने ‘मन की बात’ के जरिये देश के संबोधन में कहा कि  तोक्यो जा रहे हर खिलाड़ी का अपना संघर्ष रहा है, बरसों की मेहनत रही है। वो सिर्फ अपने लिए ही नहीं जा रहें बल्कि देश के लिए जा रहे हैं।’’


 खिलाडियों को लेकर पीएम की मुख्य बातें 

  • टोक्यो जा रहे हर खिलाड़ी का अपना संघर्ष रहा है, बरसों की मेहनत रही है। 
  • वो सिर्फ अपने लिए ही नहीं जा रहें बल्कि देश के लिए जा रहे है। 
  • इन खिलाड़ियों का भारत का गौरव बढ़ाना है और लोगों का दिल भी जीतना है
  • देशवासियों हमे जाने- अनजाने में इन खिलाड़ियों पर दबाव नहीं बनान है, बल्कि खुले मन से इनका साथ देना है
  • ।टोक्यो जा रहा हर खिलाड़ी का अपना संघर्ष रहा है, बरसों की मेहनत रही है।
  • वो सिर्फ अपने लिए ही नहीं जा रहें बल्कि देश के लिए जा रहे हैं।
  • सोशल मीडिया पर आप #Cheer4India के साथ अपने इन खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दे सकते हैं।
  • खेती किसानी वाले  परिवार से आने वाले हरियाणा के मनीष कौशिक का जज्बा उन्हें टोक्यो ले जा रहा है।

 

 


 23 जुलाई को होगा ओलंपिक
कोरोना महामारी के कारण पिछले साल स्थगित हुए ओलंपिक का आयोजन इस साल 23 जुलाई से आठ सितंबर तक जापान की राजधानी में होगा जिसके लिए 100 से अधिक भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी जगह पक्की की है। भारत का ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2012 में लंदन खेलों में रहा था। इन खेलों में भारतीय खिलाड़ियों ने दो रजत सहित छह पदक जीते थे। इसके बाद रियो ओलंपिक में भारतीय खिलाड़ी सिर्फ दो पदक जीत सके।

पीएम मोदी ने  मिल्खा सिंह को किया याद
इस संबोधन में प्रधानमंत्री ने दिग्गज फर्राटा धावक मिल्खा सिंह को भी याद किया, जिनका इस महीने कोरोन वायरस की चपेट में आने से निधन हो गया। मोदी ने कहा कि साथियों जब बात तोक्यो ओलंपिक की हो रही हो, तो भला मिल्खा सिंह जी जैसे दिग्गज एथलीट को कौन भूल सकता है। कुछ दिन पहले ही कोरोना ने उन्हें हमसे छीन लिया। जब वे अस्पताल में थे, तो मुझे उनसे बात करने का अवसर मिला था। उन्होंने कहा कि उनसे बात करते हुए मैंने उनसे आग्रह किया था। मैंने कहा था कि आपने तो 1964 में तोक्यो ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, इसलिए इस बार, जब हमारे खिलाड़ी, ओलंपिक के लिए तोक्यो जा रहे हैं, तो आपको हमारे खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाना है, उन्हें अपने संदेश से प्रेरित करना है।’’


पीएम ने कई  खिलाड़ियों का किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने कहा   वो खेल को लेकर इतना समर्पित और भावुक थे कि बीमारी में भी उन्होंने तुरंत ही इसके लिए हामी भर दी लेकिन दुर्भाग्य से नियति को कुछ और मंजूर था। ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने तीरंदाज दीपिका कुमारी और प्रवीण जाधव, हॉकी खिलाड़ी नेहा गोयल, मुक्केबाज मनीष कौशिक, पैदल चाल खिलाड़ी प्रियंका गोस्वामी, भालाफेंक एथलीट शिवपाल सिंह, बैडमिंटन खिलाड़ी चिराग शेट्टी एवं उनके साथी सात्विक साईराज रंकीरेड्डी और तलवारबाज सीए भवानी देवी के जिंदगी के संघर्षों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में तो अधिकांश खिलाड़ी छोटे-छोटे शहरों, कस्बों, गांवों से निकल कर आते हैं। तोक्यो जा रहे हमारे ओलंपिक दल में भी कई ऐसे खिलाड़ी शामिल हैं, जिनका जीवन बहुत प्रेरित करता है। ’’

 

जाधव और गोयल की भी सराहना 
प्रधानमंत्री ने अपने पहले ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने के लिए कठिन परिस्थितियों से गुजरने के लिए जाधव और गोयल की सराहना की। जाधव के माता-पिता मजदूरी करते थे तो वहीं गोयल की मां साइकिल कारखाने में काम करती थी। उन्होंन कहा कि  उनके (जाधव) माता-पिता मजदूरी कर परिवार चलाते हैं, और अब उनका बेटा, अपना पहला ओलंपिक खेलने तोक्यो जा रहा है। ये सिर्फ उनके माता-पिता ही नहीं, हम सभी के लिए कितने गौरव की बात है। उन्होंने कहा, ‘‘नेहा, तोक्यो जा रही महिला हॉकी टीम की सदस्य हैं। उनकी माँ और बहनें, साईकिल कारखाने में काम करके परिवार का खर्च जुटाती हैं।’’

उत्तर प्रदेश की प्रियंका गोस्वामी का भी जिक्र
उत्तर प्रदेश की प्रियंका गोस्वामी 20 किलोमीटर पैदल चाल में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे। उनके पिता बस कंडक्टर हैं। मोदी ने कहा कि प्रियंका के पिता बस कंडक्टर हैं। बचपन में प्रियंका को वो बैग बहुत पसंद था, जो मेडल पाने वाले खिलाड़ियों को मिलता है। इसी आकर्षण में उन्होंने पहली बार पैदल-चाल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। अब, आज वो इसकी बड़ी चैम्पियन हैं। मोदी ने भवानी देवी के जीवन का भी संक्षेप में जिक्र किया, जो खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाली देश की पहली तलवारबाज हैं। उन्होंने कहा कि  मैं कहीं पढ़ रहा था कि भवानी का प्रशिक्षण जारी रहे, इसके लिए उनकी माँ ने अपने गहने तक गिरवी रख दिये थे।’’

इन खिलाड़ियों को भी किया याद
एक और खिलाड़ी से मैं आपका परिचय कराना चाहूँगा, ये हैं, हरियाणा के भिवानी के मनीष कौशिक जी। मनीष जी खेती-किसानी वाले परिवार से आते हैं। बचपन में खेतों में काम करते-करते मनीष को boxing का शौक हो गया था। आज ये शौक उन्हें टोक्यो ले जा रहा है। एक और खिलाड़ी हैं, सी.ए. भवानी देवी जी। नाम भवानी है और ये तलवारबाजी में expert हैं। चेन्नई की रहने वाली भवानी पहली भारतीय Fencer हैं, जिन्होंने Olympic में qualify किया है। मैं कहीं पढ़ रहा था कि भवानी जी की training जारी रहे, इसके लिए उनकी माँ ने अपने गहने तक गिरवी रख दिये थे।

फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह का भी किया जिक्र
साथियो, जब बात Tokyo Olympics की हो रही हो, तो भला मिल्खा सिंह जी जैसे legendary athlete को कौन भूल सकता है। कुछ दिन पहले ही कोरोना ने उन्हें हमसे छीन लिया। जब वे अस्पताल में थे, तो मुझे उनसे बात करने का अवसर मिला था। बात करते हुए मैंने उनसे आग्रह किया था। मैंने कहा था कि आपने तो 1964 में Tokyo Olympics में भारत का प्रतिनिधित्व किया था, इसलिए इस बार, जब हमारे खिलाड़ी,Olympics के लिए Tokyo जा रहे हैं, तो आपको हमारे athletes का मनोबल बढ़ाना है, उन्हें अपने संदेश से प्रेरित करना है। वो खेल को लेकर इतना समर्पित और भावुक थे कि बीमारी में भी उन्होंने तुरंत ही इसके लिए हामी भर दी लेकिन, दुर्भाग्य से नियति को कुछ और मंजूर था। मुझे आज भी याद है 2014 में वो सूरत आए थे। हम लोगों ने एक Night Marathon का उद्घाटन किया था। उस समय उनसे जो गपशप हुई, खेलों के बारे में जो बात हुई, उससे मुझे भी बहुत प्रेरणा मिली थी। हम सब जानते हैं कि मिल्खा सिंह जी का पूरा परिवार sports को समर्पित रहा है, भारत का गौरव बढ़ाता रहा है। 

vasudha

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