सरकारी दफ्तरों में ChatGPT का इस्तेमाल नहीं! सरकार ने जारी किए नए दिशा-निर्देश
punjabkesari.in Wednesday, Feb 05, 2025 - 11:00 AM (IST)
नेशनल डेस्क। अगर आप सरकारी कर्मचारी हैं और ChatGPT, DeepSeek जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है। भारत सरकार ने अपने कर्मचारियों को इन टूल्स के इस्तेमाल से मना कर दिया है। सरकार का कहना है कि इन टूल्स से संवेदनशील डेटा लीक होने का खतरा है जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और गोपनीयता को नुकसान हो सकता है।
सरकार को क्यों है चिंता?
भारत में ChatGPT, DeepSeek, Google Gemini जैसे विदेशी AI टूल्स का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है। लोग इनका इस्तेमाल अपने काम को आसान बनाने के लिए कर रहे हैं लेकिन इनके जरिए डेटा चोरी होने का खतरा भी बढ़ रहा है।
➤ डेटा लीक का खतरा: इन टूल्स को इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स को अपनी जानकारी साझा करनी पड़ती है। ये टूल्स जरूरी परमिशन मांगते हैं और डिवाइस में मौजूद डेटा तक पहुंच सकते हैं। इस वजह से यूजर्स की निजी और गोपनीय जानकारी लीक होने की संभावना बढ़ जाती है।
➤ संवेदनशील जानकारी का गलत इस्तेमाल: सरकार को डर है कि सरकारी कर्मचारियों के AI टूल्स का इस्तेमाल करने से गोपनीय सरकारी जानकारी गलत हाथों में जा सकती है।
➤ जानकारी की सटीकता पर सवाल: ChatGPT और अन्य AI टूल्स द्वारा दी गई जानकारी हमेशा 100% सही नहीं होती। कई बार यह गलत या भ्रामक जानकारी दे सकते हैं जिससे सरकारी कामकाज प्रभावित हो सकता है।
भारत में AI टूल्स की बढ़ती लोकप्रियता
AI टूल्स जैसे ChatGPT, DeepSeek और Google Gemini भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। इनका उपयोग कई तरह के कामों में किया जा रहा है जैसे:
➤ कंटेंट राइटिंग – ब्लॉग, आर्टिकल और सोशल मीडिया पोस्ट लिखने के लिए
➤ डेटा एनालिसिस – बड़ी मात्रा में डेटा को समझने और प्रोसेस करने के लिए
➤ कोडिंग और प्रोग्रामिंग – सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में मदद के लिए
➤ अनुवाद और भाषा समझने के लिए
छात्र, नौकरीपेशा लोग, बिजनेस पर्सन और कई प्रोफेशनल्स इनका इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन सुरक्षा और डेटा गोपनीयता को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
सरकार ने कर्मचारियों के लिए जारी किए दिशा-निर्देश
➤ सरकारी मंत्रालयों और विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने कर्मचारियों को AI टूल्स का उपयोग करने से रोकें।
➤ सरकारी कामकाज में AI टेक्नोलॉजी के उपयोग को लेकर एक व्यापक नीति बनाने पर भी विचार किया जा रहा है।
➤ AI टूल्स के सुरक्षित इस्तेमाल के लिए सख्त नियम बनाए जाएंगे ताकि डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
विशेषज्ञों की राय
तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार का यह फैसला सही दिशा में उठाया गया कदम है।
विशेषज्ञों के अनुसार:
➤ AI टूल्स के बढ़ते उपयोग के साथ साइबर सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी के खतरे भी बढ़ रहे हैं।
➤ सरकार को AI टूल्स के लिए एक स्वदेशी (भारतीय) विकल्प विकसित करने पर ध्यान देना चाहिए जिससे डेटा विदेशी कंपनियों तक न पहुंचे।
➤ सरकारी कर्मचारियों को AI से जुड़े खतरों और सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
क्या भारत सरकार खुद का AI टूल बनाएगी?
सरकार ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अपने सुरक्षित और स्वदेशी AI टूल्स विकसित करने की जरूरत है। इससे सरकारी डेटा की सुरक्षा बनी रहेगी और किसी बाहरी कंपनी पर निर्भरता कम होगी।
वहीं भारत सरकार का यह फैसला डेटा सुरक्षा और राष्ट्रीय गोपनीयता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। सरकारी कर्मचारियों को ChatGPT, DeepSeek जैसे AI टूल्स के इस्तेमाल से बचने की सलाह दी गई है। सरकार आने वाले समय में AI टेक्नोलॉजी के लिए सख्त नियम बना सकती है और अपने खुद के सुरक्षित AI टूल्स भी विकसित कर सकती है।