47 दिन पहले शुरू हुआ था चंद्रयान-2 का सफर, जानें कब क्या हुआ

Saturday, Sep 07, 2019 - 10:33 AM (IST)

बेंगलुरु: चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का चांद पर उतरते समय जमीनी स्टेशन से संपर्क टूट गया। सपंर्क तब टूटा जब लैंडर चांद की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर था।  भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चेयरमैन के सिवन ने कहा, विक्रम लैंडर निर्धारित समय एवं योजना के अनुरुप चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए बढ़ रहा था और सतह से 2.1 किलोमीटर दूर तक सब कुछ सामान्य था, लेकिन इसके बाद उससे संपर्क टूट गया। 47 दिन पहले शुरू हुए भारत के दूसरे मानवरहित चंद्र मिशन चंद्रयान-2 के घटनाक्रम इस प्रकार हैं: 
 


 

  • 12 जून : इसरो के अध्यक्ष के. सिवन ने घोषणा की कि चंद्रमा पर जाने के लिए भारत के दूसरे मिशन चंद्रयान-2 को 15 जुलाई को प्रक्षेपित किया जाएगा। 
     
  • 29 जून : सभी परीक्षणों के बाद रोवर को लैंडर विक्रम से जोड़ा गया। 
  • 29 जून : लैंडर विक्रम को ऑर्बिटर से जोड़ा गया। 
     
  • चार जुलाई : चंद्रयान-2 को प्रक्षेपण यान (जीएसएलवी एमके तृतीय-एम1) से जोडऩे का काम पूरा किया गया। 
     
  • सात जुलाई : जीएसएलवी एमके तृतीय-एम1 को लॉन्च पैड पर लाया गया। 
     
  • 14 जुलाई : 15 जुलाई को जीएसएलवी एमके तृतीय-एम1/चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के लिए उल्टी गिनती शुरू हुई। 
     
  • 15 जुलाई : इसरो ने महज एक घंटे पहले प्रक्षेपण यान में तकनीकी खामी के कारण चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण टाल दिया। 


     
  • 18 जुलाई : चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के लिए श्रीहरिकोटा के दूसरे लॉन्च पैड से 22 जुलाई को दोपहर दो बजकर 43 मिनट का समय तय किया गया। 
     
  • 21 जुलाई : जीएसएलवी एमके तृतीय-एम1/चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण के लिए उल्टी गिनती शुरू हुई। 
     
  • 22 जुलाई : जीएसएलवी एमके तृतीय-एम1 ने चंद्रयान-2 को सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। 
     
  • 24 जुलाई : चंद्रयान-2 के लिए पृथ्वी की कक्षा पहली बार सफलतापूर्वक बढ़ाई गई। 
     
  • 26 जुलाई : दूसरी बार पृथ्वी की कक्षा बढ़ाई गई। 
     
  • 29 जुलाई : तीसरी बार पृथ्वी की कक्षा बढ़ाई गई। 
     
  • दो अगस्त : चौथी बार पृथ्वी की कक्षा बढ़ाई गई। 



     
  • चार अगस्त : इसरो ने चंद्रयान-2 उपग्रह से ली गई पृथ्वी की तस्वीरों का पहला सैट जारी किया।
     
  • छह अगस्त : पांचवीं बार पृथ्वी की कक्षा बढ़ाई गई। 
     
  • 14 अगस्त : चंद्रयान-2 ने सफलतापूर्वक लूनर ट्रांसफर ट्रेजेक्टरी में प्रवेश किया। 
     
  • 20 अगस्त : चंद्रयान-2 सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा। 
     
  • 22 अगस्त : इसरो ने चंद्रमा की सतह से करीब 2,650 किलोमीटर की ऊंचाई पर चंद्रयान-2 के एलआई4 कैमरे से ली गई
    चंद्रमा की तस्वीरों का पहला सैट जारी किया। 
     
  • 21 अगस्त : चंद्रमा की कक्षा को दूसरी बार बढ़ाया गया। 
     
  • 26 अगस्त : इसरो ने चंद्रयान-2 के टेरेन मैपिंग कैमरा-2 से ली गई चंद्रमा की सतह की तस्वीरों के दूसरे सैट को जारी किया। 
     
  • 28 अगस्त : तीसरी बार चंद्रमा की कक्षा बढ़ाई गई। 
     
  • 30 अगस्त : चौथी बार चंद्रमा की कक्षा बढ़ाई गई। 
     
  • एक सितंबर : पांचवीं और अंतिम बार चंद्रमा की कक्षा बढ़ाई गई। 
     
  • दो सितंबर : लैंडर विक्रम सफलतापूर्वक ऑर्बिटर से अलग हुआ। 
     
  • तीन सितंबर : विक्रम को चंद्रमा के करीब लाने के लिए पहली डी-ऑर्बिटिंग प्रक्रिया पूरी हुई। 
     
  • चार सितंबर : दूसरी डी-ऑर्बिटिंग प्रक्रिया पूरी हुई। 
     
  • सात सितंबर : लैंडर विक्रम को चंद्रमा की सतह की ओर लाने की प्रक्रिया 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई तक सामान्य और योजना के अनुरूप देखी गई, लेकिन बाद में लैंडर का संपर्क जमीनी स्टेशन से टूट गया।
     

Anil dev

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