मंदिर, गुरुद्वारा, चर्च के बाद जामा मस्जिद पहुंचे चंद्रशेखर, 24 घंटे में दिल्ली छोड़ने के आदेश

Friday, Jan 17, 2020 - 06:40 PM (IST)

नई दिल्लीः तिहाड़ जेल से रिहा होने के कुछ ही घंटे बाद भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद शुक्रवार को जामा मस्जिद पहुंचे। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी। उनके साथ समर्थक और स्थानीय लोग भी थे। आजाद ने संशोधित नागरिकता कानून को निरस्त करने की मांग करते हुए कहा कि देश को एकजुट रखने से ज्यादा महत्वपूर्ण कोई और चीज नहीं है। उन्हें गुरुवार की रात जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा किया गया। उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया। उन्होंने शाहीन बाग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और देश के अन्य हिस्सों में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए महिलाओं की तारीफ की।

आजाद ने कहा, ‘‘सीएए विरोधी आंदोलन देश के भविष्य, हमारी पहचान और संविधान बचाने के लिए है। इसे मजबूत करना हमारा दायित्व है।'' उन्होंने कहा कि संविधान बचाना लोगों का मूल कर्तव्य है। उन्होंने लोगों से सीएए के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का आग्रह किया। जामा मस्जिद जाने से पहले वह गोल मार्केट के पास महर्षि वाल्मीकि मंदिर और गुरुद्वारा बंगला साहिब भी पहुंचे। वह जोरबाग स्थित कर्बला भी गए।

दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को उन्हें जमानत प्रदान कर दी थी। उन पर 20 दिसंबर को सीएए के विरोध में प्रदर्शन के दौरान जामा मस्जिद के पास लोगों को भड़काने का आरोप है। अदालत ने उन्हें जमानत देते समय शर्त लगाई कि उन्हें चार सप्ताह तक दिल्ली से दूर रहना होगा।

कोर्ट ने उन्हें यह भी निर्देश दिया कि वह चुनाव होने तक राष्ट्रीय राजधानी में कोई धरना-प्रदर्शन न करें और कहा कि ‘‘देश को अराजकता के हवाले नहीं किया जा सकता।'' अदालत ने यह भी कहा कि सहारनपुर जाने से पहले आजाद अगर 24 घंटे के भीतर जामा मस्जिद सहित दिल्ली में कहीं जाना चाहते हैं तो पुलिस उनके साथ रहेगी।

 

Yaspal

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