टमाटर की जगह प्याज हो रहे सस्ते, त्योहारों से पहले केंद्र सरकार का बड़ा फैसला
punjabkesari.in Friday, Aug 11, 2023 - 02:31 PM (IST)

नेशनल डैस्क : एक तरफ जहां टमाटर की कीमतें आसमान छू चुकी हैं, तो कुछ दिन पहले प्याज भी ग्राहकों को रुलाता दिखा। हालांकि, अब त्योहारों से पहले केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, प्याज की कीमत में वृद्धि पर लगाम लगाने के लिए केंद्र ने बफर स्टॉक से प्याज जारी करना शुरू कर दिया है। केंद्र सरकार ने पहले फैसला किया था कि वह 2023-24 सीजन में बफर स्टॉक के रूप में 3 लाख टन प्याज रखेगी। 2022-23 में सरकार ने 2.51 लाख टन प्याज बफर स्टॉक के तौर पर रखा है।
बैठक में लिया गया फैसला
यदि कम आपूर्ति वाले मौसम के दौरान दरें काफी बढ़ जाती हैं, तो किसी भी आपात स्थिति को पूरा करने और मूल्य स्थिरीकरण के लिए बफर स्टॉक बनाए रखा जाता है। खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने गुरुवार को सरकार की कृषि विपणन एजेंसियों - नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (NAFED) और नेशनल कोऑपरेटिव कंज्यूमर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनसीसीएफ)) के प्रबंध निदेशकों के साथ एक बैठक की। बैठक में निपटान के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया गया। साथ ही उन राज्यों या क्षेत्रों के प्रमुख बाजारों को लक्षित करके प्याज के स्टॉक को जारी करने का निर्णय लिया गया जहां खुदरा कीमतें अखिल भारतीय औसत से ऊपर चल रही हैं और जहां पिछले महीने और वर्ष में कीमतों में वृद्धि की दर सीमा स्तर से ऊपर है।
खुदरा बिक्री की भी संभावना तलाशी जा रही
खाद्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार कहा गया है कि ई-नीलामी के माध्यम से निपटान और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर खुदरा बिक्री की भी संभावना तलाशी जा रही है। उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर प्याज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से "निपटान की मात्रा और गति" को कीमतों और उपलब्धता स्थितियों के साथ भी समायोजित किया जाएगा। विज्ञप्ति में कहा गया है कि बाजार निपटान के अलावा, राज्यों को उनके उपभोक्ता सहकारी समितियों और निगमों के खुदरा दुकानों के माध्यम से बिक्री के लिए रियायती दरों पर पेशकश करने का भी निर्णय लिया गया। खाद्य मंत्रालय के अनुसार, “पिछले चार सालों में प्याज का बफर आकार तीन गुना हो गया है। 2020-21 में 1.00 लाख मीट्रिक टन से 2023-24 में 3.00 लाख मीट्रिक टन तक। प्याज बफर ने उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर प्याज की उपलब्धता सुनिश्चित करने और मूल्य स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।''
रबी प्याज की कटाई अप्रैल-जून के दौरान की जाती है, जो भारत के प्याज उत्पादन का 65 प्रतिशत है और अक्टूबर-नवंबर में खरीफ फसल की कटाई तक उपभोक्ता की मांग को पूरा करता है। खरीदे गए स्टॉक को आम तौर पर लक्षित खुले बाजार की बिक्री के माध्यम से और राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और सरकारी एजेंसियों को कम आपूर्ति के मौसम के दौरान खुदरा दुकानों के माध्यम से आपूर्ति के लिए जारी किया जाता है।