सेंट्रल विस्टा: प्रदूषण पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दायर किया हलफनामा, कही ये बड़ी बात

Wednesday, Dec 01, 2021 - 10:21 PM (IST)

नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को बताया कि ‘राष्ट्रीय महत्व' के कार्य की वजह से सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट संबंधित निर्माण गतिविधियां नहीं रोकी गयी है लेकिन यहां वायु प्रदूषण कम करने के ऐतिहासिक उपाय किये गये हैं। मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमना, न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ ने 29 नवंबर की सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली एवं आसपास के शहरों में प्रदूषण की गंभीर स्थिति के मामले में दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से जवाब तलब किया था।

इसी के मद्देनजर केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय की ओर से हलफनामा दाखिल कर निर्माण कार्यों के जारी रहने के कारणों की जानकारी दी गई। मंत्रालय की ओर जानकारी दी गई है कि शीर्ष अदालत के दिशानिर्देशों के मुताबिक केंद्रीय लोक निर्माण विभाग ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को छोड़कर अन्य पर निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी है।

केंद्र सरकार के हलफनामे में दावा किया गया है कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट कार्य के दौरान ‘ कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिशन वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स' का पालन किया गया है। पीठ के निर्देशों के अनुसार प्रदूषण कम करने के ऐतिहासिक उपाय किए गये हैं। हलफनामे में कहा गया है कि प्रदूषण कम करने के उपायों के तहत एंटी-स्मॉग गन, मिस्ट-स्प्रे सिस्टम, धूल कम करने के लिए मैग्नीशियम क्लोराइड का इस्तेमाल, अधिकांश निर्माण सामग्री को गीली रखने आदि उपाय किए गये हैं।

शीर्ष न्यायालय ने खतरनाक प्रदूषण स्तर के मद्देनजर निर्माण कार्यों पर 24 नवंबर को पुन: रोक लगा दी थी। इसके बावजूद सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट ( संसद एवं उसके आसपास निर्माण एवं पुनर्निर्माण परियोजना) निर्माण कार्य काम जारी रहने पर जनहित याचिकाकर्ता स्कूली छात्र आदित्य दुबे की ओर से वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने सेंट्रल विस्ता प्रोजेक्ट पर निर्माण कार्य जारी रखने पर सुनवाई के दौरान सवाल खड़े किए थे। इस आधार पर पीठ केंद्र सरकार से जवाब तलब किया था।

Yaspal

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