सुप्रीम कोर्ट का निर्देश: हर राज्य में सामुदायिक रसोई खोलने की मॉडल योजना बनाए केंद्र सरकार

Tuesday, Jan 18, 2022 - 10:33 PM (IST)

नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में सामुदायिक रसोई योजना के क्रियान्वयन और इसे चलाने के लिए राज्यों को अतिरिक्त खाद्यान्न मुहैया कराने के लिए एक मॉडल तैयार करने का केंद्र को निर्देश देते हुए मंगलवार को कहा कि इस समय ‘‘भुखमरी की समस्या से निपटने'' की आवश्यकता है।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल के इस प्रतिवेदन पर कड़ी प्रतिक्रिया दी कि किसी भी राज्य ने भूख से मौत की जानकारी नहीं दी है। पीठ ने कहा, ‘‘क्या आप यह बयान दे रहे हैं कि देश में अब भूख से कोई मौत नहीं हो रही।'' कानूनी अधिकारी ने पीठ से कहा कि राज्यों ने इस प्रकार की कोई जानकारी नहीं दी है और कुपोषण संबंधी सच्चाई से इनकार नहीं किया जा सकता।

पीठ ने कहा कि योजना बनाने के अलावा केंद्र राज्यों को दिए जाने वाले अतिरिक्त खाद्यान्न पर हलफनामा भी दाखिल करेगा। राज्यों को ‘‘कुपोषण, भूख से मौत'' के मामले पर हलफनामे दायर करने की छूट दी गई है। न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। उसने केंद्र के इस प्रतिवेदन पर सहमति व्यक्त की कि सामुदायिक रसोई योजना के क्रियान्वयन के लिए आवश्यक साजो-सामान का प्रबंधन राज्य सरकार को करना होगा।

पीठ उस जनहित योजना पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें केंद्र, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को भुखमरी और कुपोषण से निपटने के लिए सामुदायिक रसोइयों के लिए योजना बनाने का निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया है। सुनवाई की शुरुआत में पीठ ने केंद्र के हलफनामे में इस प्रतिवेदन पर नाराजगी जताई कि अदालतों को नीति संबंधी क्षेत्र में प्रवेश नहीं करना चाहिए।

Yaspal

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