SC के 68 साल के इतिहास में पहली बार एक साथ होंगी 3 महिला जज

Saturday, Aug 04, 2018 - 09:32 AM (IST)

नई दिल्ली:  केंद्र सरकार ने उत्तराखंड सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के. एम. जोसेफ को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत करने को लेकर कॉलेजियम की ओर से दोबारा भेजी गयी सिफारिश मान ली है। सरकार ने न्यायमूर्ति जोसेफ के अलावा मद्रास उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी और उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विनीत सरन को भी शीर्ष अदालत भेजने की सिफारिश को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट के 68 साल के इतिहास में पहली बार एक साथ तीन महिला जज होंगी। इससे पहले तीन मौकों पर दो महिला जज सुप्रीम कोर्ट में रह चुकी हैं। सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में अभी तक सिर्फ सात महिला जज ही हुई हैं। जस्टिस इंदिरा बनर्जी आठवीं महिला जज के तौर पर ज्वाइन करेंगी।



मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाले पांच सदस्यीय कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति जोसेफ का नाम एक बार सरकार द्वारा वापस किए जाने के बाद दोबारा सरकार के पास भेजा था। इसके बाद सरकार के पास उनके नाम पर सहमति देने के अलावा कोई और रास्ता नहीं था।  न्यायमूर्ति जोसेफ की पदोन्नति को लेकर पिछले कुछ महीने से कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच रस्साकशी देखने को मिल रही थी, लेकिन उनके नाम पर मोहर लगने के साथ ही इस मुद्दे पर टकराव खत्म हो चुका है।  



गौरतलब है कि लगभग एक पखवाड़ा पहले सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने सरकार की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए न्यायमूर्ति जोसेफ को सर्वोच्च न्यायालय का जज बनाए जाने की दोबारा सिफारिश की थी, साथ ही इसने न्यायमूर्ति बनर्जी और न्यायमूर्ति सरन को भी जज बनाने की सिफारिश सरकार को भेजी थी। 

Anil dev

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