प्रदूषण फैलाने पर अब लगेगा 5 करोड़ का जुर्माना, राजधानी के हालात सुधारने को लेकर केंद्र गंभीर
Thursday, Oct 29, 2020 - 12:54 PM (IST)
नेशनल डेस्क: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती बन गया है, जिसको देखते हुए केंद्र सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। केन्द्र जल्द ही एक आयोग का गठन करने जा रहा है जो राज्यों में प्रदूषण फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करेगा। दोषी पाए जाने पर 5 करोड़ रुपये तक का जुर्माना और 5 साल की सजा भी हो सकती है।
राष्ट्रपति ने दी अध्यादेश को मंजूरी
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी केंद्र सरकार द्वारा जारी अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। इस आयोग में कुल 17 सदस्यों को शामिल किया जाएगा जो आयोग जनता की भागीदारी और समन्वय पर जोर देगा। यह आयोग लगातार अपने काम और रिपोर्ट की जानकारी संसद के पटल पर रखेगा। आयोग का मुख्यालय दिल्ली में होगा और इसके आदेश को सिर्फ NGT में ही चुनौती दी जा सकेगी। आयोग द्वारा बनाए गए तमाम नियम-कानूनों को 30 दिन के अदर या तुरंत संसद के अंदर प्रस्तुत किया जाएगा। संसद के पास आयोग द्वारा बनाए गए नियमों में बदलाव करने का अधिकार होगा।
ईपीसीए ने पेश की कार्ययोजना
वहीं पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण (ईपीसीए) ने आने वाले वर्षों में वायु प्रदूषण को काबू में करने के लिए कार्ययोजना पेश की है, जिसमें पराली जलाने पर रोक संबंधी शीर्ष अदालत के निर्देशों का सख्ती से अनुपालन करने, वाहन पार्किंग संबंधी नीति और दिल्ली-एनसीआर में सार्वजनिक परिवहन ढांचे में जबरदस्त बढ़ोतरी करने का सुझाव दिया गया है। पिछले महीने उच्चतम न्यायालय में दाखिल की गई एक रिपोर्ट में ईपीसीए ने कहा कि पराली के संबंध में पूर्व एवं बाद दोनों ही स्थिति के मद्देनजर उपाय किए जाने की आवश्यकता है जैसे कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए किसानों को भत्ता और मशीनें उपलब्ध कराया जाना।
ईपीसीए ने दिए कई सुझाव
ईपीसीए ने पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में उद्योगों में जलाने के लिए स्वच्छ ईंधन उपलब्ध कराने और कोयले के उपयोग का इस्तेमाल रोके जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया क्योंकि क्षेत्र में प्रदूषण का यह एक प्रमुख कारक है। ईपीसीए ने आने वाले वर्षों में प्रदूषण पर नियंत्रण को लेकर एनसीआर में सार्वजनिक परिवहन को और मजबूत करने के साथ ही वाहन पार्किंग नीति को तय समयसीमा में लागू करने का भी सुझाव दिया है।