संसद में केंद्र सरकार ने बताया- यमुना नदी में बढ़ा अमोनिया, इस कारण कई हिस्सों में रूकी जलापूर्ति

punjabkesari.in Thursday, Dec 09, 2021 - 04:26 PM (IST)

नेशनल डेस्क: जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को कहा कि यमुना नदी की जल गणुवत्ता के आकलन से पता चलता है कि वजीराबाद बैराज पर इस नदी में अमोनिया का स्तर कभी-कभी बढ़ जाता है तथा अमोनिया युक्त नाइट्रोजन के स्तर में बढ़ोतरी होने एवं इससे होने वाले प्रदूषण के कारण राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में जलापूर्ति रुक-रुक कर प्रभावित हुई है। लोकसभा में मनोज तिवारी एवं रवीन्द्र कुशवाहा के प्रश्नों के लिखित उत्तर में शेखावत ने यह जानकारी दी।

 

तिवारी एवं कुशवाहा ने पूछा था कि क्या यमुना नदी में हाल ही में अमोनिया की मात्रा अधिक होने के कारण दिल्ली के अनेक हिस्सों में जलापूर्ति प्रभावित हुई? इस पर जल शक्ति मंत्री शेखावत ने कहा कि दिल्ली जल बोर्ड के चंद्रावल, वजीराबाद और ओखला में स्थित जल शोधन संयंत्र (WTP) यमुना नदी से आंशिक कच्चे जल को लेते हैं और जब अमोनिया युक्त नाइट्रोजन 1 मिलीग्राम / लीटर के स्तर तक पहुंच जाती है तो वजीराबाद बैराज से जल लेना रोक दिया जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिये होता है कि क्योंकि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा संचालित जल शोधन संयंत्रों में ऐसे कच्चे जल उपयोग की पर्याप्त प्रारंभिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं।

 

जल शक्ति मंत्री ने कहा कि यमुना नदी के जल गणुवत्ता आकलन से पता चलता है कि वजीराबाद बैराज पर इस नदी में अमोनिया का स्तर कभी-कभी बढ़ जाता है जैसा कि दिल्ली जल बोर्ड द्वारा जानकारी दी गई है तथा अमोनिया नाइट्रोजन के स्तर में बढ़ोतरी होने से अमोनिया प्रदूषण के कारण राष्ट्रीय राजधानी के कई हिस्सों में जलापूर्ति रुक-रुक कर प्रभावित हुई है। शेखावत ने बताया कि इससे इन संयंत्रों में 50 मिलियन गैलन प्रतिदिन (MGD) से लेकर 100 मिलियन गैलन प्रतिदिन (MGD) तक पेयजल का उत्पादन प्रभावित होता है। मंत्री ने बताया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा वजीराबाद के ऊपरी बहाव क्षेत्र में 7-13 जनवरी 2021 के दौरान 7 स्थानों और प्रमुख नालों पर यमुना नदी जल गुणवत्ता का आकलन किया गया। हरियाणा-दिल्ली सीमा पर स्थित पल्ला पर 31 मई 2021 से 12 जुलाई 2021 के दौरान और 8-9 नवंबर 2021 और 11 नवंबर 2021 के दौरान सप्ताह में दो बार यह किया गया। उन्होंने बताया कि 28 राज्य एवं 3 संघ राज्य क्षेत्र वर्ष 2018 में CPCB द्वारा चिन्हित और अनुमोदित 351 प्रदूषित क्षेत्रों का पुनरूद्धार करने के लिए राज्य नदी पुनरूद्धार समितियों द्वारा तैयार की गई कार्य योजनाओं को लागू कर रहे हैं।


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Content Writer

Seema Sharma

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