केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- प्रवासी मजदूरों को पहुंचाया रेलवे स्टेशन, मुफ्त में दिया खाना और पान

Saturday, Jun 06, 2020 - 07:49 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रवासी मजदूरों के मामले में केंद्र सरकार ने शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में अपना विस्तृत हलफनामा दायर किया है। इस हलफनामें में केंद्र सरकार ने कहा कि हमने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) के साथ मिलकर सड़कों पर पैदल चल रहे मजदूरों को उचित जगहों पर पहुंचाया। पैदल चल रहे मजदूरों के लिए गाड़ियां मुहैया कराई गईं और उन्हें नजदीकी रेलवे स्टेशनों तक पहुंचाया गया।

केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे में कहा कि राज्‍य सरकार और रेलवे की ओर से प्रवासी मजदूरों को मुफ्त भोजन और पानी की सुविधा दी जा रही है। 1 जून तक रेलवे ने प्रवासियों को 1.63 करोड़ भोजन और 2.10 करोड़ से अधिक पानी की बोतलें दी हैं। इसके अलावा राज्‍य सरकारों की ओर से भी मदद की गई। केंद्र सरकार ने कोर्ट से कहा कि जरूरत पड़ने पर प्रवासियों को भोजन, पेयजल, दवाइयां, कपड़े, चप्पल और अन्य जरूरी चीजें मुफ्त में मुहैया कराई गईं। आवश्‍यकता के आधार पर उनकी हर संभव मदद की गई। उनको मदद पहुंचाने का कार्य अभी भी जारी है।

शुक्रवार को SC ने केंद्र और राज्यों को दिए थे ये निर्देश
प्रवासी कामगारों की दुदर्शा पर स्वत: संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई शुरू की। इस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार और राज्यों को निर्देश दिए हैं कि सभी प्रवासियों को 15 दिन में घर पहुंचाया जाए। कोर्ट ने कहा कि सभी राज्यों को रिकॉर्ड पर लाना है कि वे कैसे रोजगार और अन्य प्रकार की राहत प्रदान करेंगे। प्रवासियों का रजिस्ट्रेशन होना चाहिए।

4,200 से अधिक 'विशेष श्रमिक ट्रेन' चलाई गईं : सरकार
जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस एम आर शाह की पीठ ने इन प्रवासी कामगारों की दयनीय स्थिति का स्वत: संज्ञान लिए गए मामले की वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये सुनवाई के दौरान अपनी मंशा जाहिर की। इस बीच, केंद्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को सूचित किया कि इन प्रवासी श्रमिकों को उनके पैतृक स्थान तक पहुंचाने के लिए तीन जून तक 4,200 से अधिक 'विशेष श्रमिक ट्रेन' चलाई गयी हैं।

Yaspal

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