दुनिया के कई देशों में सामने आ रहे मंकीपॉक्स के मामलों ने बढ़ाई सरकार की टेंशन, राज्यों के लिए गाइडलाइंस जारी

Tuesday, May 31, 2022 - 08:18 PM (IST)

नई दिल्लीः कुछ देशों में मंकीपॉक्स के बढ़ते मामलों के बीच, सरकार ने मंगलवार को दिशानिर्देश जारी कर जिला निगरानी इकाइयों को इस तरह के एक भी मामले को प्रकोप के रूप में मानने और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के माध्यम से विस्तृत जांच शुरू करने का निर्देश दिया।

राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किए गए ‘मंकीपॉक्स रोग के प्रबंधन पर दिशानिर्देश' में स्वास्थ्य मंत्रालय ने निगरानी और नए मामलों की तेजी से पहचान पर जोर दिया, जो कि प्रकोप की रोकथाम के लिए प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों के रूप में मानव-से-मानव तक संचरण के जोखिम को कम करने की आवश्यकता को अनिवार्य करता है। इसमें कहा गया है कि गैर-स्थानिक देशों में बढ़ते मामलों के मद्देनजर भारत को तैयार रहने की जरूरत है, भले ही देश में अब तक मंकीपॉक्स वायरस का कोई मामला सामने नहीं आया है।

दिशानिर्देशों में मामलों और संक्रमणों के समूहों और संक्रमण के स्रोतों की जल्द से जल्द पहचान करने के लिए एक निगरानी रणनीति का प्रस्ताव दिया गया है ताकि आगे संचरण को रोकने के लिए मामलों को अलग किया जा सके, इष्टतम क्लीनिकल ​​देखभाल प्रदान की जा सके, संपर्कों की पहचान और प्रबंधन किया जा सके तथा अग्रिमपंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों की रक्षा की जा सके और इसके साथ ही संचरण के पहचाने गए मार्गों के आधार पर प्रभावी नियंत्रण और निवारक उपाय किया जा सके।
 

क्या कहा गया गाइडलाइंस में?
गाइडलाइंस में कहा गया कि जब किसी संदिग्ध मरीज का पता चले तो उसके सैंपल पुणे स्थित एनआईवी में जांच के लिए भेजे जाएंगे। इस सैंपल को इंटीग्रेटेड डिसीज सर्विलांस प्रोग्राम नेटवर्क के तहत भेजा जाएगा। वहीं ऐसे मामलों को संदिग्ध माना जाए, जिसमें किसी भी उम्र का व्यक्ति जिसका पिछले 21 दिनों के भीतर प्रभावित देशों की यात्रा का इतिहास रहा हो. साथ ही बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, शरीर पर दाने जैसा कोई लक्षण हो। मरीज को आइसोलेशन के लिए अस्पताल के आइसोलेशन रूम में या घर पर अलग कमरे में रखा जाएगा. रोगी को ट्रिपल लेयर मास्क पहनना होगा. आइसोलेशन तब तक जारी रहेगा जब तक कि मरीज के सभी दाने ठीक नहीं हो जाते और पपड़ी पूरी तरह से गिर नहीं जाती। संदिग्ध या रोगी की कांटेक्ट ट्रेसिंग की जाएगी।
 

मंकीपॉक्स के लक्षण
मंक्सीपॉक्स होने पर सपाट त्वचा का रंग बदलने लगता है, त्वचा पर लाल निशान और गांठें पड़ सकती हैं। साथ ही सफेद पस से भरे फफोले शरीर पर पड़ सकते हैं जोकि चिकन पॉक्स की तरह दिखाई देते हैं। संक्रमण की रफ्तार कम होने पर फफोले सूखने लगते हैं और बाद में खत्म हो जाते हैं। मंकीपॉक्स चेहरे से फैलना शुरू होता है और कभी कभार मुंह के अंदर छाले से भी ये फैलता है। इसके बाद यह बाहों, हाथों, पैरों और जननांग समेत शरीर के बाकी हिस्सों में फैल जाता है। 

20 से ज्यादा देशों में फैला
मंकीपॉक्स को कई मध्य और पश्चिमी अफ्रीकी देशों जैसे कैमरून, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कोटे डी आइवर, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, गैबन, लाइबेरिया, नाइजीरिया, कांगो गणराज्य और सिएरा लियोन में स्थानिक बीमारी के रूप में सूचित किया गया है। हालांकि, अमेरिका, ब्रिटेन, बेल्जियम, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, पुर्तगाल, स्पेन, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ऑस्ट्रिया, इज़राइल और स्विटजरलैंड जैसे कुछ गैर-स्थानिक देशों में भी मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि वह विकसित हो रही स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए है।

 

Yaspal

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