कोरोना मामले बढ़ने पर केंद्र की राज्यों को सलाह, आरटी-पीसीआर जांच का दायरा बढ़ाएं

Sunday, Feb 21, 2021 - 05:25 PM (IST)

नई दिल्लीः महाराष्ट्र और केरल सहित कुछ राज्यों में कोविड-19 के मामले बढ़ने के मद्देनजर केंद्र ने उन्हें आरटी-पीसीआर जांच का अनुपात बढ़ाने तथा वायरस के घातक स्वरूप की नियमित रूप से निगरानी करने की सलाह दी है।  साथ ही, केंद्र ने राज्यों को चयनित जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार की फिर से सख्त निगरानी करने को भी कहा है। केंद्र सरकार ने राज्यों को लिखे एक पत्र में इस बात पर भी जोर दिया है कि सभी नेगेटिव रैपिड एंटीजन जांच नतीजों के बाद अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर जांच की जाए। भारत में पिछले कुछ दिनों से कोविड-19 के मामलों में वृद्धि हो रही है।

मंत्रालय ने कहा, ‘‘देश कोविड-19 के कुल उपचाराधीन मरीजो में 74 प्रतिशत से अधिक केरल और महाराष्ट्र में हैं। बाद में, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी मामले बढ़े हैं। पंजाब और जम्मू कश्मीर में भी प्रतिदिन के मामलों में वृद्धि देखी गई है। '' केरल में पिछले चार हफ्तों में औसत साप्ताहिक मामले 42,000 से 34,800 के बीच रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि केरल में अलाप्पुझा जिला चिंता का एक विशेष कारण बन गया है, जहां कोविड-19 मामलों की साप्ताहिक पुष्टि की दर बढ़ कर 10.7 प्रतिशत हो गई है।

महाराष्ट्र में पिछले चार हफ्तों में साप्ताहिक मामलों में वृद्धि होने की प्रवृत्ति देखी गई है, जो 18,200 से बढ़ कर 21,300 हो गई है, जबकि साप्ताहिक पुष्टि की दर 4.7 से बढ़ कर आठ प्रतिशत हो गई है। मंत्रालय ने इस बात का जिक्र किया कि राज्य में मुंबई उपनगरीय क्षेत्र चिंता का कारण बन गये हैं जहां वायरस संक्रमण के मामलों में 19 प्रतिशत वृद्धि हुई है। नागपुर, अमरावती, नासिक, अकोला और यवतमाल में साप्ताहिक मामले क्रमश: 33प्रतिशत ,47प्रतिशत ,23 प्रतशित ,55 प्रतिशत और 48 प्रतिश्त बढ़ गये हैं।

मंत्रालय ने कहा कि पंजाब में पिछले चार हफ्तों में संक्रमण की साप्ताहिक दर 1.4 से बढ़ कर 1.6 हो गई है, जबकि साप्ताहिक मामले 1300 से बढ़ कर 1682 हो गये हैं। राज्य के एसबीएस नगर जिले में साप्ताहिक पुष्टि दर एक सप्ताह में ही 3.5 से बढ़ कर 4.9 प्रतिशत पहुंच गई है और साप्ताहिक मामले 165 से दोगुना होकर 364 हो गये।

मंत्रालय ने कहा कि पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संक्रमण की साप्ताहिक पुष्टि की दर राष्ट्रीय औसत 1.79 से अधिक है। यह दर महाराष्ट्र में सर्वाधिक है, जो 8.10 हे। केंद्र ने इन सभी राज्यों को पांच उपायों पर जोर देने की सलाह दी है, जिनमें आरटी-पीसीआर जांच, सख्त एवं व्यापक निगरानी, जिलों में क्लीनिकल प्रबंधन आदि शामिल हैं।

 

Yaspal

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