पालघर लिंचिग मामले की जांच करेगी सीबीआई!, महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया एफिडेविट

Tuesday, Oct 11, 2022 - 04:43 PM (IST)

नई दिल्लीः महाराष्ट्र सरकार ने अपने रुख में बदलाव लाते हुए मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि वह अप्रैल 2020 में पालघर जिले में दो संतों सहित तीन लोगों की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या किए जाने के मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने के लिए तैयार है। इससे पहले, राज्य सरकार ने सर्वोच्च अदालत से कहा था कि महाराष्ट्र पुलिस ने इस घटना में अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करने वाले पुलिसकर्मियों को दंडित किया है। राज्य सरकार ने सीबीआई जांच के अनुरोध वाली याचिकाओं को खारिज करने की मांग की थी।

महाराष्ट्र सरकार ने एक हलफनामे में कहा, ‘‘याचिकाकर्ताओं ने जांच सीबीआई को सौंपने की मांग की है, उनके अनुसार, मामले में निष्पक्ष एवं स्वतंत्र जांच के लिए यह अनिवार्य है ... महाराष्ट्र राज्य मामले की जांच सीबीआई को सौंपने के लिए तैयार है और उसे इस संबंध में कोई आपत्ति नहीं होगी।"

राज्य सरकार ने यह हलफनामा पंच दशाबन जूना अखाड़ा के साधुओं और पीड़ित संतों के रिश्तेदारों सहित विभिन्न याचिकाओं के जवाब में दायर किया था। इन याचिकाओं में आरोप लगाया गया है कि राज्य पुलिस की जांच पक्षपातपूर्ण तरीके से की जा रही है। अन्य याचिकाएं वकीलों शशांक शेखर झा और घनश्याम उपाध्याय द्वारा दायर की गई हैं।

उल्लेखनीय है कि कोविड-19 महामारी पर काबू के लिए लागू देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान पिछले साल 16 अप्रैल की रात की इस घटना में मुंबई के कांदिवली के तीन व्यक्ति गुजरात के सूरत में एक अंतिम संस्कार कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कार से यात्रा कर रहे थे। रास्ते में उनकी कार को रोक लिया गया और उन पर हमला किया गया। आरोप है कि पुलिस की मौजूदगी में भीड़ ने उनकी कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी। मृतकों में दो संत और एक उनकी कार का चालक था।

Yaspal

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