कावेरी जल विवाद: आज तमिलनाडु बंद, 15000 पुलिसकर्मी तैनात

Friday, Sep 16, 2016 - 11:28 AM (IST)

चेन्नई: कावेरी विवाद के मद्देनजर कई किसानों एवं व्यापारी संगठनों द्वारा आहूत एक दिवसीय बंद आज तमिलनाडु में शुरू हो गया। द्रमुक समेत विपक्षी दल इस बंद का समर्थन कर रहे हैं। बंद का आह्वान करने वालों ने कहा है कि ‘‘सड़क एवं रेल रोको’’ समेत कई विरोध प्रदर्शन होंगे। इसके चलते कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए राज्य भर में हजारों पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। पुलिस ने कहा कि इस दौरान कड़ी निगरानी की जा रही है और सार्वजनिक शांति भंग करने या सड़क एवं रेल परिवहन की स्वतंत्र आवाजाही में किसी भी प्रकार की बाधा उत्पन्न करने की कोशिशें नहीं करने दी जाएंगी।

आमतौर पर सुबह होते ही खुल जाने वाली किराने की स्थानीय दुकानें विरोध के मद्देनजर बंद रहीं। राज्य परिवहन निगम द्वारा संचालित बसों के अलावा ट्रेनें सामान्य रूप से चल रही हैं लेकिन ऑटो, टैक्सी और वाणिज्यिक माल ढोने वाले वाहन सड़कों से नदारद रहे। राज्य के लिए कावेरी के जल की मांग करने और कर्नाटक में तमिल लोगों को निशाना साधकर की गई हिंसा के विरोध में बंद का आह्वान किया गया है।

सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक, उसके सहयोगियों एवं उससे संबद्ध श्रमिक संघों को छोड़कर द्रमुक, तमिलनाडु कांग्रेस, डीएमडीके, एमडीएमके, वाम दलों और पीएमके समेत अन्य सभी विपक्षी दलों ने बंद का समर्थन किया है। तमिलनाडु में सशस्त्र रिजर्व बलों समेत हजारों पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं और चेन्नई में 15,000 पुलिसकर्मी ड्यूटी पर हैं।  कर्नाटक से जुड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों, स्कूलों, संस्थाओं और कृष्णगिरि जिले समेेत जिन इलाकों में कन्नड़ भाषी लोग रहते हैं, वहां सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है।

कर्नाटक सरकार ने मांगी सुरक्षा
कर्नाटक सरकार ने तमिलनाडु में रह रहे कन्नड़ लोगों के लिए सुरक्षा की अपील की है। सुबह से ही कई इलाकों में विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। तमाम दलों के कार्यकर्त्ता सड़कों पर हैं और कर्नाटक के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। राजनीतिक दलों की ओर से कई इलाकों में सड़क जाम और रेल रोको की अपील भी कई गई है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कर्नाटक और तमिलनाडु सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि कावेरी जल को साझा करने संबंधी उसके आदेश के बाद दोनों राज्यों में किसी प्रकार की हिंसा या संपत्ति का नुकसान नहीं हो।

गुरुवार को कर्नाटक था बंद
गुरुवार को कर्नाटक बंद के दौरान कई इलाकों में प्रभाव देखा गया। कुछ जगहों पर विरोध-प्रदर्शन भी हुए हैं और पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया। इससे पहले बंगलुरू के सभी 16 पुलिस थाना क्षेत्रों से बुधवार को स्थिति सामान्य होने के बाद पुलिस ने कर्फ्यू हटा लिया था। इससे पहले यहां दो दिनों तक हिंसक गतिविधियां होती रही थीं।

क्या है विवाद
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक को 15 हजार क्यूसेक पानी तमिलनाडु को देने को कहा था। इसी मुद्दे को लेकर तमाम जगहों पर विरोध प्रदर्शन हुए। सुप्रीम कोर्ट ने 5 सितंबर को अपने आदेश में बदलाव करते हुए कर्नाटक से कहा कि वह 20 सितंबर तक तमिलनाडु को 12,000 क्यूसेक कावेरी का पानी दे, यह फैसला आने के कुछ ही घंटे बाद हिंसा शुरू हो गई थी।
 

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